इसका असर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के जिलों में देखा जा रहा है। इन राज्यों में तेज हवा चल रही है। चारों राज्यों के तटीय इलाकों से 50 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
सोमवार-मंगलवार को दक्षिण मध्य रेलवे जोन की कुल 120 ट्रेनें कैंसिल की गई हैं। इसके अलावा विशाखापट्टनम एयरपोर्ट से सभी 32 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं। वहीं, विजयवाड़ा एयरपोर्ट से 16 और तिरुपति एयरपोर्ट से 4 फ्लाइट्स कैंसिल की गई हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक, जैसे-जैसे यह काकीनाड़ा-मछलीपट्टनम तट के करीब पहुंचेगा, इसकी रफ्तार और तेज होती जाएगी। चक्रवात मोन्था के आगे बढऩे से काकीनाड़ा में समुद्र उफान पर है। फिलहाल यह मछलीपट्टनम से लगभग 190 किमी दक्षिण-पूर्व में केंद्रित हो गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान का असर केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में अगले 3 दिन तक बारिश हो सकती है। तूफान मोन्था को यह नाम थाइलैंड ने दिया है। थाई भाषा में इसका अर्थ है सुगंधित फूल। मंगलवार सुबह से ही आंध्र, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में बारिश और 90 से 110द्मद्वश्चद्ध की रफ्तार से आंधी चल रही है।
मोन्था तूफान आंध्र तट से 70 किमी दूर
चक्रवाती तूफान मोन्था उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, दोपहर 2:30 बजे तक यह तूफान मछलीपट्टनम से 70 किमी दक्षिण-पूर्व, काकीनाड़ा से 150 किमी दक्षिण-पूर्व, विशाखापट्टनम से 250 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और गोपालपुर (ओडिशा) से 480 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित था। मोंन्था आज शाम या रात के बीच काकीनाड़ा के पास आंध्र प्रदेश तट को पार करेगा। उस समय हवाओं की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है, जो झोंकों में 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
ओडिशा: 8 जिलों में रेड अलर्ट, स्कूल बंद, 140 टीमें तैनात
ओडिशा सरकार ने मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़, गजपति, गंजम, नबरंगपुर, कालाहांडी और कंधमाल के आठ जिलों में निचले इलाकों और भूस्खलन की आशंका वाले पहाड़ी इलाकों से लोगों को निकाला है और एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और अग्निशमन सेवा की 140 बचाव टीम और 5,000 से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया है। नौ जिलों में स्कूलों और आंगनवाड़ी 30 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं।
