खाद्य अधिकारियों ने बताया कि यह मावा टीकमगढ़ से दमोह होते हुए जबलपुर के पाटन जा रहा था। अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि यह मावा किसका है और पाटन के अलावा यह और किन-किन जगहों पर भेजा जाना था। अब खाद्य सुरक्षा अधिकारी आगे की कार्रवाई कर रहे हैं। मावे का सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। यदि जांच में मावा दूषित या मिलावटी पाया जाता है तो इसके परिवहन में शामिल लोगों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति मावे का बिल प्रस्तुत नहीं करता है या सामने नहीं आता है तो बस चालक पर कार्रवाई की जाएगी और यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि यह मावा किसके द्वारा भेजा गया था और इसका अंतिम गंतव्य क्या था।