वी-मित्र एपः 100 दिन, लगाये 100 पैसे, कमाए 38 रुपये


स्ट्राइकिंग रेट रहा 22 प्रतिशत,बिजली अमले पर ठोका सवा तीन लाख का जुर्माना,पब्लिक को मिला लाखों का ईनाम


जबलपुर। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सामाजिक ऑडिट ऐप 'वी मित्र' के 100 दिन पूरे हो चुके हैं और इतने दिनों में कंपनी का ये एप कई स्तरों पर बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इन सौ दिनों में कंपनी ने एक रुपये के खर्च के बदले 38 रुपये की कमाई की है,जो कंपनी के राजस्व के लिहाज से अच्छा संकेत है। हालाकि, जिस ढंग से बिजली अमले पर जुर्माना ठोका गया है,उससे कंपनी के अमले में निराशा का भाव है,लेकिन उपभोक्ता सेवाओं को केंद्र में रखकर देखा जाए तो इस प्रदर्शन का उम्दा माना जा रहा है। 

-आंकड़ों के आईने में एप की परफॉर्मेंस

कंपनी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार,'जानकारी दें  इनाम पाएं' स्लोगन वाले इस एप ने सौ दिनों में कुल 30 हजार मामले दर्ज हुए। जिनमें से 17 हजार 200 मामलों की जांच में 3 हजार 850 मामलों में अनियमितताएं पायी गईं। एप के माध्यम से विद्युत चोरी व अनियमि‍तता की जानकारी देने पर इस दौरान नागरिकों को 3 हजार 150 मामलों में साढ़े 15 लाख रूपए के इनाम बिना किसी कार्यालय गए उनके खातों में ट्रांसफर किए गए।

-स्ट्राइकिंग रेट 22 फीसदी

 विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्ट की बात करें तो  स्मार्ट मीटर डेटा एनालिसिस के अनुसार स्ट्राइकिंग रेट सात फीसदी है, लेकिन  वी-मित्र  ऐप का स्ट्राइक रेट 22 फीसदी रहा। आंकड़ों के मुताबिक,इस एप के जरिए 4 करोड़ 64 लाख रूपए की बिलिंग की गई और विद्युत चोरी व अनियमितता करने वालों से कुल 23 लाख रूपए की वसूली की गई। जिन क्षेत्रों में अनियमितता के प्रकरण दर्ज किए गए, वहां के विद्युत अमले पर जुर्माना लगाया गया। ऐसे विद्युत अमले ‍ पर 3 लाख 25 हजार रूपए की प्रोविजनल पेनाल्टी लगाई गई। ऐसे 91 मामलों में 26 हजार रूपए की वसूली की गई। इस दौरान नए उपभोक्ता प्रकरण एवं लोड वृद्धि  के 3 हजार 100 मामले दर्ज हुए।

-अभी और आगे बढ़ेंगे

वी-मित्र ऐप के ताजा आंकड़े निःसंदेह उत्साहजनक हैं। हम इस ऐप के जरिए तेजी से आगे बढे़ेंगे ताकि बिजली से जुड़ी समस्याओं को कम से कम किया जा सके। ये ऐप केवल एक तकनीकी प्लेटफॉर्म नहीं है,बल्कि जनसहभागिता का बेहतर मंच है। इसमें सभी उपभोक्ताओं को भाग लेना चाहिए ताकि सकारात्मक नतीजे सामने आ सकें। इस ऐप मंे उपभोक्ताओं की जानकारी पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जा रही है और उन्हें ईनाम की राशि उनके खाते में भेजी जा रही है। 

अनय द्विवेदी, प्रबंध संचालक, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी


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