इसी समस्या को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं ने कुलपति डॉ राजेश वर्मा का विरोध किया। जैसे ही कुलपति विश्वविद्यालय से निकलने लगे, प्रदर्शनकारियों ने उनकी गाड़ी रोक दी और उस पर काले गुब्बारे बांध दिए। एनएसयूआई की मांग है कि छात्रों की डिग्री व प्रमाणपत्र से जुड़ी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए। जब कुलपति ने प्रदर्शनकारी छात्रों से बात करने से इनकार कर दिया और गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगे तो कार्यकर्ताओं ने रास्ते में ही उन्हें रोक लिया। इसके बाद कुलपति वापस अपने केबिन में लौट गए। एनएसयूआई के कार्यकर्ता भी जोर-जबरदस्ती करते हुए उनके केबिन में घुस गए। जब वहां भी कुलपति ने बातचीत से इनकार किया, तो नाराज कार्यकर्ताओं ने केबिन के अंदर ही काले गुब्बारे छोड़ दिए। एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सचिन रजक ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार व्याप्त है और कुलपति इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहाए पिछले 15 दिनों से कर्मचारी अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, लेकिन कुलपति उनकी समस्याएं सुनने या हल करने को तैयार नहीं हैं। छात्राएं डिग्री और मार्कशीट के लिए परेशान हो रही हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह असंवेदनशील हो गया है। कुलपति खुद इस व्यवस्था की विफलता के जिम्मेदार हैं। सचिन का कहना है कि कुलपति जब तक छात्रों के हित में आगे नहीं आते हैं और डिग्री नहीं देते हैं तब तक इस तरह से प्रदर्शन जारी रहेगा।
कुलपति बोले, कर्मचारियों से बात की जा रही है-
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदर्शन को लेकर कुलपति डॉ राजेश वर्मा ने कहा कि यह सही है कि डिग्री ना मिल पाने के कारण छात्र परेशान हो रहे हैं। इसको लेकर हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से बात की जा रही है। लेकिन उनकी जो मांगे हैं वह शासन स्तर से ही पूरी हो सकती हैं। जितना विश्वविद्यालय स्तर से मांग पूरी करना था वह हो चुकी है। इधर छात्रों को डिग्री ना मिल पाने की समस्या पर कुलपति का कहना है कि जल्दी समस्या का निराकरण कर दिया जाएगा।