नई दिल्ली. त्योहारों पर मिलने वाला छोटा-सा गिफ्ट, कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लाता है और उत्साह दोगुना कर देता है। लेकिन अब केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार डॉ. सुमंत्र पाल ने लोक उद्यम विभाग (डीपीई) को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि रेलवे सहित तमाम केंद्रीय, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसयू) में दीवाली सहित अन्य त्योहारों पर गिफ्ट देने की प्रथा पर रोक लगाई जाए।
आर्थिक सलाहकार ने लोक उद्यम विभाग के चीफ एग्जीक्यूटिव को लिखे पत्र में कहा है, यह देखने में आया है कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में दीवाली सहित दूसरे त्योहारों पर गिफ्ट देने की प्रेक्टिस है। अर्थव्यवस्था में पब्लिक रिसोर्स का न्यायपूर्ण इस्तेमाल हो, इसके लिए ऐसी प्रेक्टिस पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसके चलते अब सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से आग्रह किया गया है कि वे इस प्रेक्टिस को बंद कर दें। किसी भी त्योहार पर गिफ्ट का आदान प्रदान रोक दें। आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि इन दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए। गिफ्ट देने की परंपरा से सरकारी खर्च बढ़ता है और पब्लिक रिसोर्स का न्यायपूर्ण उपयोग प्रभावित होता है। इसलिए सीपीएसयू को ऐसे खर्च रोकने चाहिए और त्योहारों पर गिफ्ट का आदान-प्रदान पूरी तरह बंद होना चाहिए।
कर्मचारियों और संगठनों की प्रतिक्रिया
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा त्योहारों पर कर्मचारियों को दिया जाने वाला गिफ्ट बहुत छोटा-सा टोकन होता है, लेकिन इसकी भावनात्मक वैल्यू बहुत बड़ी होती है। इससे कर्मचारी को लगता है कि उसके काम की कद्र हो रही है और वह और जोश से काम करता है। सरकार का यह कदम गलत है और कर्मचारियों का उत्साह तोडऩे वाला है।
बता दें कि लोक उद्यम विभाग (डीपीई) वित्त मंत्रालय के अधीन कार्यरत है और इसका काम सीपीएसयू से जुड़ी नीतियां तैयार करना, प्रदर्शन का मूल्यांकन करना और प्रबंधन संबंधी दिशानिर्देश जारी करना है।