श्रद्धालु ने जीभ काटी, तलवार पर चले,भूतड़ी अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए नाच-गाकर किया विदा

 

बड़वाह।  खरगोन के बड़वाह में नर्मदा घाट पर एक श्रद्धालु ने तलवार से अपनी जीभ काट ली। एक अन्य श्रद्धालु तलवारों पर चलते हुए लगभग 300 फीट तक नर्मदा में पहुंचा। आज भूतड़ी अमावस्या पर श्रद्धालु नाव घाटखेड़ी के नर्मदा घाट पहुंचे। ज्यादातर लोग नर्मदा स्नान के लिए आए। वहींए श्राद्धपक्ष के समापन पर श्रद्धालुओं ने पितरों की शांति के लिए पूजन और तर्पण किया। सुबह 7.30 बजे से ही नर्मदा तट ढोल.ढमाकों की आवाज से गूंज उठा।         
                       पंडित गिरिजाशंकर अत्रे के अनुसार देवी-देवताओं की सवारी वाले लोग श्राद्ध पक्ष को सूतक मानते हैं। इसलिए वे इस दौरान कोई पूजा या धागा नहीं बांधते। अमावस्या पर स्नान और शस्त्र पूजन के बाद सूतक समाप्त करते हैंए जिससे नवरात्रि में पूजन-पाठ शुरू कर सकें। जीभ काटना या तलवारों पर चलना वे पुरुष या महिलाएं करते हैं, जिन्हें किसी देवी देवता का इष्ट होता है। अपने अनुयायियों के साथ नर्मदा स्नान से पहले वे अपनी श्रद्धा दिखाते हैं। अनुयायियों के अनुसार ऐसा सब नहीं करते। सिर्फ जिन पर काली देवी का इष्ट प्राप्त होता है, वही इस तरह अपनी श्रद्धा देवी मां के प्रति प्रकट करते हैं।


Post a Comment

Previous Post Next Post