संजीव गुर्जर का यह पहला विवादित कृत्य नहीं है। 31 अगस्त को वह शराब के नशे में ड्यूटी करते हुए पकड़े गए थे। जेलर श्रीकांत त्रिपाठी ने इसकी पुष्टि की थी और उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया था। इसके अलावा उन पर एक पुराना आपराधिक मामला भी दर्ज है। लगभग पांच वर्ष पूर्व उन्होंने नई बस्ती में एक घर में घुसकर मारपीट की थी, जिसका मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है। केंद्रीय कारागार सतना की अधीक्षक लीना कोष्ठा ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जेल प्रहरी के इस व्यवहार से न केवल विभाग की छवि को नुकसान पहुंचा है, बल्कि जेल की सुरक्षा और अनुशासन पर भी प्रश्न उठ रहे हैं।