देरी गांव का रहने वाला रविंद्र सिंह परिहार थाना ओरछा का हिस्ट्रीशीटर है। पुलिस को उसकी तलाश थी। 18 नवंबर 2024 को मातगुवां थाना क्षेत्र के वेयरहाउस में पुलिस ने उसे घेर लिया था। रविंद्र ने पुलिस पर गोली चला दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दाहिने पैर में गोली मारकर रविंद्र को गिरफ्तार कर लिया था। उसे जेल भेज दिया गया था। कोर्ट के आदेश पर 9 सितंबर को उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देर रात कैदी ने देखा कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी गहरी नींद में है तो रविन्द्र ने एक गार्ड की जेब से चाबी निकाली और ताला खोल लिया। इसके बाद पुलिसकर्मी की रायफल लेकर भाग निकला। कुछ देर बाद पुलिस कर्मियों ने देखा कि रविन्द्र नहीं है तो हड़कम्प मच गया। अधिकारियों को खबर देकर पुलिस कर्मियों ने तलाश शुरु कर दी, लेकिन वह पुलिस की पकड़ से दूर जा चुका था।
रविंद्र के खिलाफ 13 अपराध दर्ज-
2020 में रविंद्र सिंह के साथ गांव के कुछ लोगों ने मारपीट की थी। उसके हाथ.पैर और सिर में गंभीर चोट आई थी। शिकायत के बावजूद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। रविंद्र ने एसपी ऑफिस जाकर भी शिकायती आवेदन दिया था फिर भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद रविंद्र ने मारपीट करने वाले आरोपियों से बदला लेना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ 13 अपराध दर्ज किए थे। हत्या का प्रयास, अवैध हथियार रखना, मारपीट, वसूली सहित कई मामले में वह फरार चल रहा था। पुलिस गांव में उसे पकडऩे पहुंची तो वह फायरिंग कर भाग निकला। पुलिस ने उस पर 30 हजार का इनाम घोषित किया था।
एसआई की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की
18 नवंबर 2024 को प्रीतमपुर पहुंची और रविंद्र को गिरफ्तार किया था। थाने लाते वक्त रविंद्र ने पेशाब करने के बहाने मातगुवां थाना के पास गाड़ी रुकवाई। इसी दौरान एसआई की पिस्टल छीन ली। पुलिस ने आत्मरक्षा में फायर किया। गोली रविंद्र की दाहिने पैर में लगी। उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। स्वस्थ होने पर अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया। बाद में रविंद्र के वकील ने पैर में घाव होने की बात कहते हुए कोर्ट में अपील की। जिस पर कोर्ट ने उसे अस्पताल में दिखाने के निर्देश दिए थे।
दोस्त को दी थी जान से मारने की धमकी-
देरी गांव में रहने वाली गुड्डी सिंह चंदेल ने बताया कि मेरा बेटा वीरू सिंह चंदेल और रविंद्र दोस्त थे। किसी बात पर दोनों में लड़ाई हो गई। रविंद्र ने वीरू को जान से मारने की धमकी दी। वह फोन पर धमकाता था। घर के पास ही घूमता रहता था। कई बार उसने घर के बाहर फायरिंग भी की। गांव में उसकी इतनी दहशत है कि लोग उसे घर में छिपा लेते हैं। पूछने पर भी पुलिस को उसकी जानकारी नहीं देते। उसके भागने के बाद अब हम लोगों की जान का खतरा बढ़ गया है।