1 अक्टूबर से बदल जाएगा एनपीएस का ये नियम, दावा- पेंशनर्स को मिलेगा बड़ा फायदा

नई दिल्ली. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है. अब 1 अक्टूबर 2025 से एनपीएस के गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स अपनी पूरी पेंशन रकम को 100 प्रतिशत इक्विटी यानी शेयर बाजार से जुड़ी स्कीम में लगा सकेंगे. अब तक इक्विटी में निवेश की सीमा 75 प्रतिशत थी, लेकिन इस नए नियम के बाद यह लिमिट हट जाएगी. इस बदलाव का मकसद ये है कि सब्सक्राइबर्स को ज्यादा आज़ादी मिले और वे अपनी रिटायरमेंट की बचत को अपनी उम्र, ज़रूरत और जोखिम उठाने की क्षमता के हिसाब से बेहतर तरीके से प्लान कर सकें.

अब एक से ज्यादा योजनाओं में कर सकेंगे निवेश

अभी तक एनपीएस में निवेश करने वालों को सिर्फ एक ही तरह की स्कीम चुननी पड़ती थी चाहे वो टियर 1 अकाउंट हो या टियर 2. आपको ऑटोचॉइस या एक्टिवचॉइस में से एक मॉडल लेना होता था और उसी के हिसाब से पूरी रकम लगानी पड़ती थी. लेकिन अब नए एमएसएफ यानी मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क के आने से सब्सक्राइबर्स अपनी पेंशन की रकम को अलग-अलग स्कीमों में बांट सकेंगे. मतलब ये कि आप अपनी उम्र, जोखिम उठाने की क्षमता और जरूरत के हिसाब से अपनी निवेश राशि को अलग-अलग हिस्सों में बांट सकते हैं. जैसे, कोई युवा निवेशक अपनी पूरी रकम इक्विटी (शेयर बाजार) में लगाकर ज्यादा रिटर्न पाने की कोशिश कर सकता है. वहीं कम जोखिम लेने वाले लोग अपनी रकम का बड़ा हिस्सा डेब्ट फंड या बैलेंस्ड फंड में लगा सकते हैं, जिससे निवेश सुरक्षित रहे.

बदलाव से एनपीएस पहले से ज्यादा होगा लचीला

उम्र और निवेश के नए विकल्प: अब पहले से कहीं ज्यादा आज़ादी पहले एनपीएस में निवेश की उम्र सीमा 60 साल तक तय थी. यानी 60 साल की उम्र तक ही पैसा जमा किया जा सकता था. लेकिन अब इस नियम में बदलाव किया गया है. अब सब्सक्राइबर्स चाहें तो 50 या 55 साल की उम्र में ही अपनी पेंशन की रकम निकाल सकते हैं. वहीं अगर कोई निवेश जारी रखना चाहता है, तो वह 60 से 75 साल की उम्र तक भी पैसा जमा कर सकता है. ये बदलाव खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होंगे जो प्रोफेशनल्स, सेल्फ-एम्प्लॉयड या कॉरपोरेट सेक्टर में काम करते हैं. उनकी जरूरतें और प्लानिंग अक्सर अलग होती हैं. अब उन्हें अपनी उम्र, कामकाज और भविष्य की ज़रूरतों के हिसाब से पेंशन की बचत प्लान करने की पूरी आज़ादी मिल जाएगी.

पहले जैसी बनी रहेगी सुरक्षा

भले ही एनपीएस में निवेश के नए विकल्प दिए जा रहे हैं, लेकिन सुरक्षा से जुड़े नियम पहले जैसे ही रहेंगे. निवेशकों को अपने रिटर्न और जोखिम की पूरी जानकारी पारदर्शी तरीके से दी जाएगी, ताकि वे समझदारी से फैसला ले सकें. पेंशन अकाउंट भी पोर्टेबल रहेंगे, यानी आप चाहें तो किसी भी पेंशन फंड मैनेजर के साथ अपना खाता आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं. सबसे ज़रूरी बात ये है कि जब भी आप अपना पैसा निकालेंगे, तो कुल राशि का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा अन्युटी में लगाना ज़रूरी होगा. इससे आपको रिटायरमेंट के बाद एक तय मासिक या सालाना आय मिलती रहेगी.

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