मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 14 अगस्त को भोपाल में डायल 112 का लोकार्पण किया था। इसे डायल 100 की जगह पर लाया गया है। इसके बाद सभी जिलों को डायल 112 वाहन भेजे गए हैं। जबलपुर को 47 वाहन मिले हैं। जबलपुर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा ने इन वाहनों को 4 सितंबर को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना करते हुए थानों को सौंपा था। सूत्रों के अनुसार एफआरवी में लगे सिस्टम गाड़ी की बैटरी से कनेक्ट नहीं हो पा रहे हैं। थोड़ी देर चलने के बाद सिस्टम बैटरी को डाउन कर देता है, जिससे डायल-112 बंद हो रही है। यही वजह है कि ओमती थाने को मिली दोनों गाडिय़ां फिलहाल मरम्मत के लिए भेजी गई हैं। वैसे तो पुलिस कुछ भी कहने को तैयार नहीं है लेकिन चर्चाओं में यह कहा जा रहा है कि इमरजेंसी में इन वाहनों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। क्योंकि बैटरी कब वीक हो जाएगी और वाहन बंद हो जाएगा, कह नहीं सकते हैं। ऐसे में रिस्क नहीं लिया जा सकता है।
आपातकालीन स्थिति में मदद-
इन वाहनों में जीपीएस, वायरलेस, डिजिटल नेविगेशन व लाइव लोकेशन ट्रैकिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं। इनसे जिले में आपातकालीन स्थितियों पर त्वरित पुलिस सहायता उपलब्ध कराने, अपराधों पर नियंत्रण रखने एवं कानून-व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।