शिवपुरी. मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नयागांव गांव के पास 23 जुलाई की देर रात अज्ञात हत्यारोपितों ने ग्वालियर निवासी अजय उर्फ लीलाधर पुत्र स्व हनुमान तोमर को चार गोलियां मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने सुभाषपुरा थाने में अज्ञात हत्यारों के खिलाफ हत्या का प्रकरण कायम कर मामले की जांच शुरू की. इस मामले की खास बात यह है कि मृतक ने भी 2017 में अपने पिता जो पुलिस में इंस्पेक्टर थे, उनको तथा अपने छोटे भाई को गोली मारी थी, जिसमें पिता की मौत हो गई थी.
जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि अजय की हत्या इंदौर में पदस्थ उसी के छोटे भाई एएसआई (एम) भानू तोमर ने गोली मारकर की थी. हत्या की वारदात में वह खुद अपनी ही कार के साथ शामिल था. भानू शिवपुरी से लगातार अजय की कार का अपनी ही कार से पीछा कर रहा था.
उसने अजय की हत्या करने के लिए अजय के साथ जेल में बंद रहे हत्यारोपित धर्मेंद्र कुशवाहा को एक लाख रुपए में सुपारी दी थी. इसके अलावा अजय की हत्या करने के लिए उसे प्रेम जाल में फंसाने इंदौर की एक नाबालिग लड़की को एक लाख रुपए में हायर किया था. इसके अलावा भानू ने इस जघन्य हत्याकांड में अपने परिवार के सदस्य व रिश्ते में भतीजा लगने वाले युवक मोनेश तोमर को शामिल किया था. इस जघन्य हत्याकांड को महज इसलिए अंजाम दिया गया, क्योंकि अजय तोमर ने पैरोल पर छूटने के बाद छोटे भाई भानू से पैतृक संपत्ति का हिसाब और अपना हिस्सा मांगा था.
पुलिस ने इस मामले में हत्यारोपित नाबालिग लड़की, धर्मेंद्र कुशवाहा, मोनेश तोमर को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि हत्याकांड का मास्टरमाइंड भानू तोमर हत्या को अंजाम देने के बाद भारत छोड़कर विदेश भाग गया है. पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ के अनुसार, आरेापित भानू तोमर को विदेश से वापस लाने के लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
एएसआई ने की भाई की रैकी, फिर की हत्या
भानू ने इस हत्या को अंजाम देने के लिए बेहद पुख्ता प्लान तैयार किया था. इसी के चलते उसने सेंट्रल जेल में मृतक अजय तोमर के साथ एक अन्य हत्या के आरोप में बंद रहे धर्मेंद्र कुशवाह को चुना. जैसे ही वह 26 जनवरी 2025 को हत्या की सजा पूरी कर जेल से छूटा तो भानू तोमर ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उससे संपर्क किया. अजय तोमर से उसके रिश्तों के बारे में समझा और धर्मेन्द्र कुशवाहा के खाते में कई बार पैसे ट्रांसफर कर उसे एक लाख रुपए में भाई अजय तोमर की हत्या की सुपारी दी.
वहीं दूसरी ओर भानू अपने बड़े भाई अजय की आशिक मिजाजी से भी वाखिफ था, इसलिए उसने अजय को प्रेम जाल में फंसाने के लिए एक गैंगरेप के मामले की सहआरोपी इंदौर की एक नाबालिग लड़की को चुना, जो बालिका सम्प्रेषण गृह इन्दौर में निरुद्ध थी और 12 जुलाई 2025 को वहां से भाग आई थी. धर्मेन्द्र व उक्त लड़की से डील फाइनल होने के उपरांत, जब 14 जुलाई 2025 को अजय तोमर पैरोल पर छूट कर आया तो धर्मेन्द्र कुशवाह के माध्यम से अजय तोमर का संपर्क उक्त नाबालिग लड़की से करवाया गया. दोनों के बीच इंटरनेट मीडिया और फोन पर बातचीत हुई.
दोनों ने मिलने के लिए 23 जुलाई की तारीख फिक्स की. इसके बाद मोनेश तोमर लड़की को इंदौर से ग्वालियर लेकर आया. ग्वालियर में अजय व लड़की के बीच मित्रता व विश्वास बढ़ा. इसी क्रम में 23 जुलाई को ग्वालियर से लड़की को भानू की कार में शिवपुरी लाया गया. निर्धारित षडय़ंत्र के तहत लड़की ने अजय तोमर को फोन करके शिवपुरी बुलाया. यहां से अजय तोमर और लड़की को भोपाल की तरफ रवाना होना था और रास्ते में सुनसान जगह पर कार रुकवा कर अजय की हत्या करनी थी.
अजय लड़की को लेने के लिए शिवपुरी आया, कठमई चौराहे से उसने लड़की को अपनी कार में बिठाया, लेकिन अचानक से अजय ने प्लान बदला और भोपाल की जगह वह ग्वालियर की तरफ रवाना हो गया. इस पर भानू ने अपनी कार से लगातार भाई की कार का पीछा किया और निर्धारित प्लान के तहत लड़की ने नयागांव के पास सुनसान इलाके में बाशरूम के बहाने कार रुकवाई. इसी दौरान पीछे से कार में सवार होकर आए भानू, धर्मेन्द्र व मोनेश तोमर ने अजय पर फायर कर उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद भानू ही लड़की को अपनी कार में बिठाकर घटनास्थल से फरार हो गया.
पुलिस ने ऐसे पकड़े आरोपी
पुलिस ने इस पूरे हत्याकांड का खुलासा करने के लिए घटनास्थल से लेकर शिवपुरी एवं शिवपुरी से ग्वालियर तक के लगभग 500 सीसीटीवी कैमरे चैक किए. इन कैमरों की फुटेज में भानू तोमर, उक्त लड़की, धर्मेन्द्र कुशवाह व मोनेश तोमर आपस में मुलाकात करते हुए नजर आए. इसके अलावा शिवपुरी से भानू तोमर लगातार अपने बड़े भाई अजय तोमर की कार का पीछा करते हुए नजर आ रहा है. चारों की आपस में मोबाइल कनेक्टीविटी भी मिली है और भानू तोमर द्वारा धर्मेन्द्र कुशवाह को पैसे भुगतान करने के सबूत भी पुलिस को मिले हैं. जब भानू तोमर को इस बात की जानकारी लग गई तो वह पुलिस के उस तक पहुंचने से पहले ही भारत छोड़कर भाग गया.
पिता की हत्या के आरोप में सजा काट रहा था अजय
मृतक अजय तोमर ने वर्ष 2017 में मध्य प्रदेश पुलिस के निरीक्षक हनुमान तोमर की पारिवारिक व प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में अपने डीडीनगर ग्वालियर स्थित घर पर ही गोली मारकर हत्या कर दी थी व अपने छोटे भाई भानू तोमर पर भी जानलेवा हमला कर दिया था. उक्त मामले में अजय तोमर को आजीवन कारावास से दण्ड से दण्डित किया गया, जो केन्द्रीय जेल ग्वालियर में रहकर सजा काट रहा था. वह 14 जुलाई 2025 को पेरोल पर आया था.