नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने और शेल्टर होम्स में रखने का फैसला सुनाया था. इसी को लेकर बहस छिड़ गई. कई लोग इसके पक्ष में तो कई विरोध में खड़े हो गए हैं. इसी के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में इस पर फिर से विचार हुआ. आवारा कुत्तों के मामले पर सुनवाई हुई. एसजी ने कहा, मामले में पीडि़तों की बहुमत ज्यादा है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आदेश सुरक्षित रखा है.
एसजी ने इस मामले में कहा कि दो तरह के लोग हैं, एक जो इस बारे में बोलते हैं और दूसरे जो आवारा कुत्तों से परेशान हैं. एसजी ने कहा कि बच्चे मर रहे हैं. दूसरा विकल्प बाध्यकारी है. मैं एनिमल लवर हूं वो ठीक है, लेकिन आंकड़ा देखिए. एसजी ने कहा कि रेबीज और कुत्तों के काटने का डेटा देखिए. एसजी ने कहा कि कोई जानवरों से नफरत नहीं करता. लेकिन, सभी घरों में नहीं रखे जा सकते. बाहर बच्चे खेलते हैं और कुत्ते उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं. वीडियो इसका प्रमाण है. एसजी ने कहा कि बहुमत उनका है जो पीडि़त हैं या परेशान हैं.
सामने रखे डॉग बाइट के आंकड़े
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बच्चे मर रहे हैं. नसबंदी से रेबीज नहीं रुकता, भले ही आप उन्हें टीका लगा दें. सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक आंकड़ा पेश किया जिसमें कहा गया कि 2024 में देश में कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले दर्ज किए गए. उसी वर्ष रेबीज से 305 मौतें हुईं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबलूएचओ) के मॉडल के अनुसार यह संख्या कहीं ज़्यादा है. कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता. सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि बच्चे खुले में खेलने नहीं जा पा रहे हैं. अदालत को इसका समाधान ढूंढऩा होगा.
कपिल सिब्बल ने कहा- आदेश पर रोक लगाइए
कपिल सिब्बल ने कहा कि बिना नोटिस स्वत: संज्ञान लेकर ऐसा आदेश उचित नहीं. उनको छोड़ा नहीं जाए, यह कैसा आदेश है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा क्या आपने आदेश पढ़ा है. सिब्बल ने कहा जी. सिब्बल ने कहा रोक लगाने का आदेश दीजिए. फिर आगे सुनवाई कर लीजिए. सुप्रीम कोर्ट से सिब्बल से कहा दिल्ली एनसीआर के विभिन्न इलाकों से कुत्तों को हटाने का आदेश है. शेल्टर बनाने और दो माह में रिपोर्ट देने का आदेश है. सिब्बल ने कहा कि कुत्तों को पकडऩे की कार्रवाई शुरू हो चुकी है. शेल्टर है नहीं और हैं तो बहुत कम, जहां जगह कम होने की वजह से वो और खतरनाक हो जाएंगे. आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए. सिब्बल ने आगे कहा, मैं प्रोजेक्ट काउंडनेस की तरफ से हूं. बाध्यकरण एक उपाय है पर उसे ठीक से लागू किया जाए. सिंघवी ने कहा कि जिस तरह का डेटा सामने आया है उतनी ढांचागत व्यवस्था नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी मामला समाप्त नहीं हो रहा है. हम इसका हर एक पहलू सुनेंगे. अभी अंतरिम आदेश करेंगे. वकील अमन लेखी, कॉलिन गोंसॉलविस समेत अन्य वकीलों ने आवारा कुत्तों पर जारी हालिया आदेश का विरोध किया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि दिल्ली सरकार समेत अन्य ने पहले हलफनामे में कहा है कि नियम लागू किए गए हैं. एक महिला वकील ने कहा कि आवारा कुत्तों से बच्चे से लेकर बूढ़े तक परेशान हैं. सरकार या तो नियमों को सही तरीके से लागू करे या फिर इन्हें हटाया जाए.