बिहार : जब राहुल गांधी ने मुर्दाबाद के नारे लगा रहे भाजपा कार्यकर्ता को दी टॉफी, राजनीति का अनूठा रंग

भोजपुर. राजनीति के अखाड़े में जहां अक्सर तीखी बयानबाजी और विरोध प्रदर्शन ही सुर्खियां बटोरते हैं, वहीं शनिवार को बिहार के भोजपुर जिले में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने सबको हैरान कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान जब भाजपा के युवा कार्यकर्ता उन्हें काले झंडे दिखाकर मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे, तब राहुल ने कुछ ऐसा किया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे एक युवा को अपने पास बुलाया और मुस्कुराते हुए उसे एक टॉफी थमा दी।

यह वाकया उस समय हुआ जब राहुल गांधी का काफिला आरा शहर से गुजर रहा था। उनकी इस यात्रा में इंडिया गठबंधन की एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और वीआईपी के मुकेश सहनी भी शामिल थे। काफिले के आगे बढ़ते ही अचानक कुछ भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता सामने आ गए और काले झंडों के साथ राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

सुरक्षाकर्मी जब प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश कर रहे थे, तभी राहुल गांधी की नजर पूरी ताकत से नारा लगा रहे एक युवा पर पड़ी। उन्होंने अपनी गाड़ी रुकवाई और उस कार्यकर्ता को इशारे से अपने पास बुलाया। दोनों के बीच कुछ क्षणों के लिए बातचीत हुई। इसके बाद राहुल गांधी ने अपनी जेब से एक टॉफी निकाली और उस युवा के हाथ में रख दी।

राहुल गांधी का यह अप्रत्याशित कदम देखकर वहां मौजूद हर कोई स्तब्ध रह गया। एक पल पहले जो युवा विरोध की आग में तप रहा था, वह अपने हाथ में टॉफी लिए अवाक खड़ा था। इस एक टॉफी की मिठास ने मानो राजनीतिक विरोध की सारी कड़वाहट को भुला दिया। यह घटना तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और चर्चा का विषय बन गई।

राजनीतिक विश्लेषक राहुल गांधी के इस कदम को उनकी राजनीतिक परिपक्वता और विनम्रता के तौर पर देख रहे हैं। उनका मानना है कि इस छोटे से इशारे से राहुल ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि राजनीतिक और वैचारिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर आपसी सम्मान और सद्भाव हमेशा कायम रहना चाहिए।

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