वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प-रूसी राष्ट्रपति पुतिन की प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ 12 मिनट चली। इसमें उन्होंने पत्रकारों के किसी सवालों का जवाब नहीं दिया। इससे पहले पुतिन और ट्रम्प ने यूक्रेन जंग को लेकर करीब 3 घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की थी। ट्रम्प ने कहा कि कुछ मुद्दों पर उनकी सहमति नहीं बनी है, लेकिन कुल मिलाकर बातचीत सकारात्मक रही। दोनों नेताओं ने यह नहीं बताया कि उनके बीच किस-किस बात पर सहमति बनी है। पुतिन ने कहा कि उनके लिए रूस की सुरक्षा जरूरी है। अपनी बात कहने के बाद दोनों नेता तुरंत मंच से चले गए।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन आज अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से मुलाकात के लिए अलास्का पहुंचे। यहां पर उनका बी-2 बॉम्बर से स्वागत किया गया। उनके रेड कार्पेट पर आते ही ट्रम्प ने तालियां बजाई। फिर पुतिन, ट्रम्प की कार में बैठकर मीटिंग के लिए रवाना हो गए। पुतिन 10 साल बाद अमेरिका पहुंचे हैं। अलास्का के सबसे बड़े शहर एंकरेज में ट्रम्प-पुतिन की 2 घंटे 45 मिनट तक बातचीत हुई। इस दौरान यूक्रेन जंग को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा हुई। एंकरेज में दोनों नेताओं को किसी भी खतरे या जासूसी से बचाने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। रूस व अमेरिका के कई सुरक्षा कर्मी, सैनिक एंकरेज में मौजूद रहे। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस मुख्य सुरक्षा जिम्मेदारी संभाल रही है और पुतिन की सिक्योरिटी टीम के साथ मिलकर काम कर रही है। पुतिन के साथ ट्रम्प की बातचीत शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद ट्रम्प ने बैठक के लिए चंदा जुटाना शुरू कर दिया। उन्होंने समर्थकों को ईमेल भेजकर लिखा कि मैं अलास्का में पुतिन से मिल रहा हूं! यहां थोड़ी ठंड है, लेकिन यह मुलाकात दुनिया के लिए बहुत अहम है।
ट्रम्प के पूर्व सलाहकार बोले, पुतिन की जीत हुई
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक में पुतिन जीत गए। उन्होंने बताया कि ट्रम्प को इस मीटिंग से कुछ ज्यादा हासिल नहीं हुआ। बोल्टन ने कहा कि पुतिन ने संबंधों को फिर से स्थापित करने में काफी प्रगति कीए जो उनका मकसद था। पुतिन ने अपने देश को प्रतिबंधों से बचा लिया और सीजफायर का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने यह भी बताया कि अगली बैठक तय नहीं है और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को इस बारे में पहले कुछ नहीं बताया गया था। कुल मिलाकर पुतिन ने वह सब हासिल कर लिया जो वह चाहते थे।
पुतिन बोले, ट्रम्प होते तो जंग नहीं होती
पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर 2022 में डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन में युद्ध नहीं होता। उन्होंने कहा कि ट्रम्प पहले ऐसा कहते रहे हैं और वह भी ऐसा मानते हैं। पुतिन ने बताया कि 2022 में उन्होंने बाइडेन को समझाने की कोशिश की थी कि मामले को बढऩे से रोका जाए। अब ट्रम्प के साथ इस रास्ते पर आगे बढ़ते हुए हम यूक्रेन में जंग रोक सकते हैं। यह जितनी जल्दी हो सकेए उतना ही बेहतर होगा।
यूरोपी नेता शांति वार्ता में हस्तक्षेप न करें-
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं को शांति को लेकर हो रही बातचीत में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा हम उम्मीद करते हैं कि यूक्रेन और यूरोपीय देश इसे समझेंगे और कोई बाधा नहीं डालेंगे। वे इस प्रगति को रोकने के लिए पर्दे के पीछे साजिश की कोशिश नहीं करेंगे।
ट्रम्प बोले, जेलेंस्की को फोन कर जानकारी दूंगा
ट्रम्प ने कहा कि अलास्का में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत के बाद उन्हें कई फोन कॉल करने हैं। इनमें नाटो, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और बाकी नेता शामिल हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा मैं कुछ कॉल शुरू करने वाला हूं और उन्हें बताऊंगा कि क्या हुआ।
पुतिन ने अगली मीटिंग मॉस्को में करने का सुक्षाव दिया-
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अगली मुलाकात के लिए मास्को का सुझाव दिया। उन्होंने यह बात अंग्रेजी में कही। ट्रम्प ने कहा कि यह फैसला लोगों को पसंद नहीं आएगा और कुछ आलोचना भी होगी, लेकिन उन्होंने पूरी तरह इसे नकारा नहीं। ट्रम्प ने कहा कि यह हो सकता है।
ट्रम्प बोले, पुतिन के साथ हमेशा अच्छा रिश्ता रहा-
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि उनका पुतिन के साथ हमेशा से अच्छा संबंध रहा है, लेकिन 2016 के अमेरिकी चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की जांच के कारण इसमें रुकावट आई। ट्रम्प ने बताया कि उनके बीच कई कठिन और कई अच्छे बैठकें हुईं।
ट्रम्प बोले, समझौते के लिए सभी की सहमति जरूरी-
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प ने कहा कि उनकी और पुतिन की बैठक बहुत काम की रही और इसमें कुछ प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि वह नाटो सहयोगियों और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की सहित अन्य लोगों को भी शामिल करेंगे। ट्रम्प ने कहा कि आखिरी समझौता इन्हीं लोगों पर निर्भर करेगा और उन्हें इसे मंजूरी देनी होगी। उन्होंने दोहराया कि जब तक सभी सहमत नहीं होंगे, तब तक कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन अब बड़ी प्रगति हुई है।
पुतिन बोले, यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर सहमत-
पुतिन ने कहा कि वह मानते हैं कि यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह ट्रम्प की इस सोच से सहमत हैं और इस पर काम करने के लिए तैयार हैं। पुतिन ने आशा जताई कि जो समझौता वे करेंगे, वह यूक्रेन में शांति लाने के लिए मददगार साबित होगा।
पुतिन बोले, टकराव छोड़ बातचीत करने का समय आया-
पुतिन ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों से अमेरिका और रूस के बीच कोई समिट नहीं हुआ है। दोनों देशों के रिश्ते शीत युद्ध के बाद से अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। लेकिन अब टकराव छोड़कर बातचीत की ओर बढऩे का समय आ गया है। पुतिन ने यह भी कहा कि वह और ट्रम्प कई बार फोन पर खुलकर बात कर चुके हैं। इसके अलावा ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने भी इस दौरान बातचीत का सिलसिला जारी रखा है।
पुतिन बोले, रूस और अमेरिका पड़ोसी हैं-
पुतिन ने कहा कि अमेरिका और रूस भले ही महासागरों से अलग हैं फिर भी बहुत करीब के पड़ोसी हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच की दूरी सिर्फ 4 किलोमीटर है, इसलिए वे सच में पड़ोसी हैं। पुतिन ने कहा कि आज सुबह उन्होंने हवाई अड्डे पर ट्रम्प से हाथ मिलाया तो उन्होंने उनसे नमस्ते पड़ोसी कहा। इसके बाद पुतिन ने अलास्का का इतिहास याद किया, जो 158 साल पहले रूस का हिस्सा था। उन्होंने अमेरिकी राज्य में अब भी मौजूद रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्चों का जिक्र करते हुए कहा कि यह साझा विरासत दोनों देशों के बीच बराबरी और आपसी फायदे वाले रिश्ते को फिर से मजबूत करने में मदद कर सकती है।
थ्री ऑन थ्री फॉर्मेट में बातचीत कर रहे ट्रम्प-पुतिन-
अमेरिका व रूसी डेलीगेशन के बीच थ्री ऑन थ्री फॉर्मेट में बातचीत हुई। पुतिन के साथ बातचीत में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव शामिल हुए। जबकि ट्रम्प के साथ विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ रहे।
बी-2 बॉम्बर प्लेन से किया गया पुतिन का स्वागत-
राष्ट्रपति पुतिन के अलास्का पहुंचने के बाद बी-2 बॉम्बर प्लेन से उनका स्वागत किया गया। अमेरिका ने 2 महीने पहले इस प्लेन का इस्तेमाल ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को तबाह करने में किया था।
ट्रम्प और पुतिन सातवीं बार मिले-
पुतिन और ट्रम्प के बीच यह सातवीं मुलाकात है। इससे पहले ट्रम्प के पहले कार्यकाल (2017-2021) में दोनों नेता 6 बार विदेशों में मिले थे। जिनमें हैम्बर्ग (जर्मनी), दा नांग (वियतनाम), हेलसिंकी (फिनलैंड), ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना) व ओसाका (जापान) शामिल है।
पुतिन 10 साल बाद अमेरिका पहुंचे-
रूसी राष्ट्रपति पुतिन 10 साल बाद अमेरिका पहुंचे हैं। एयरपोर्ट पर रेड बिछाकर उनका स्वागत किया गया। ट्रम्प ने उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव किया। इसके बाद पुतिन, ट्रम्प की कार में बैठकर यूक्रेन जंग पर मीटिंग के लिए रवाना हो गए। पुतिन इससे पहले आखिरी बार 2015 में यूएन महासभा (यूएनसीजी) की बैठक में शामिल होने लिए अमेरिका आए थे। तब यहां उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से बातचीत की थी। पुतिन और ओबामा की मुलाकात काफी तनावपूर्ण रही थी, क्योंकि ओबामा ने पूर्वी यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को लेकर पुतिन की तीखी आलोचना की थी।