2017 में बना था इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक-
इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक मार्च 2017 में लघु वित्तीय बैंक बना और जनवरी 2018 से इसका संचालन शुरू हुआ। इससे पहले यह एक एनजीओ के रूप में काम करता था। जबलपुर जिले में इस बैंक की कई शाखाएं हैं, जिनमें से एक सिहोरा में है। घटना वाले दिन सुबह 7 बजे समूह लोन विभाग के कर्मचारी बैंक पहुंचे और लॉगिन करने के बाद चले गए। 7.30 बजे सफाईकर्मी संतराम बर्मन पहुंचा और सफाई कार्य में जुट गया। सवा आठ बजे बैंक मैनेजर अंकित सोनी और डिस्ट्रिक्ट मैनेजर राघवेंद्र पटेल आए और रोजमर्रा के काम में लग गए।
8.57 बजे घुसे लुटेरे, 18 मिनट में बैंक लूट लिया
सुबह 8.57 बजेए तीन बाइकों पर सवार पांच लुटेरे ब्लैक हेलमेट पहनकर बैंक में दाखिल हुए। बैंक के कर्मचारी पहले तो उन्हें आम लोग समझते रहे और काम में लगे रहेए तभी एक बदमाश ने मैनेजर अंकित सोनी को धमकाया। इसके बाद लुटेरों ने मैनेजर से लॉकर की चाबी मांगी। लॉकर दो चाबियों से खुलता है, एक अंकित के पास थी, जो उसने दे दी। कुछ देर बाद बैंक अधिकारी रीना पटेल अपनी कुर्सी पर आकर बैठ गईं, उन्हें पहले यह नहीं समझ आया कि बैंक में लूट चल रही है। लुटेरों ने उनसे भी लॉकर की चाबी छीन ली और फिर लॉकर खोलकर जेवरात निकालने लगे। 18 मिनट की इस लूट के दौरान लुटेरों ने न सिर्फ गोल्ड बल्कि कैश लूटा, इसके बाद सभी बैंककर्मियों को अलग-अलग बाथरूम में बंद कर मोटर साइकलों से भाग निकले।
बैंक में कैश की लिमिट 10 से 12 लाख रुपए ही है-
बैंक अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि सामान्यत: बैंक की नकद लिमिट 10 से 12 लाख रुपए होती है। राखी के त्योहार को देखते हुए दो दिन पहले एटीएम में 5 से 7 लाख रुपए डाले गए थे और बाकी 5 लाख बैंक में रखे गए थे।
बैंककर्मियों को धमकाया फिर मदद ली-
लुटेरे कट्टे की नोक पर जेवरात बैग में भर रहे थे। इस बीच उन्होंने बैंककर्मियों को धमकाते हुए तुम लोग जेवरात भरने में मदद करो। जब कर्मचारियों ने धीमी गति से काम किया, तो लुटेरों ने उन्हें हटा दिया और खुद तेजी से सोना भरना शुरू कर दिया। लूटपाट के दौरान उनकी नजर कैश काउंटर पर पड़ी, जहां 5 लाख रुपए नकद रखे थे। वे इसे भी लेते गए।
सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं-
पुलिस जांच में सामने आया कि बैंक में करोड़ों रुपए का सोना रखा था, लेकिन सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं थे। न तो कोई सिक्योरिटी गार्ड तैनात था, न चैनल गेट था। बैंक मुख्य सड़क पर स्थित है, इसलिए लुटेरे आम लोगों की भीड़ में शामिल होकर बड़ी आसानी से दाखिल हो गए और लूट को अंजाम दे दिया।
लुटेरों की तलाश में जुटी 15 थानों की पुलिस-
लुटेरों की तलाश के लिए 15 थानों की पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें लगी हैं। 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा चुके हैं, लेकिन लुटेरे अभी तक पकड़ से बाहर हैं। सभी लुटेरे ब्लैक हेलमेट पहने हुए थे, जिससे पहचान मुश्किल हो रही है। पुलिस अब सिहोरा और जबलपुर की उन दुकानों से भी पूछताछ कर रही है जहां से हाल ही में एक साथ 5 हेलमेट खरीदे गए हों।
लूटे गए सोने का बीमा था-
पुलिस की जांच में पता चला है कि लॉकर में रखा सारा सोना ग्राहकों का था और 14.5 करोड़ रुपए के इस सोने का बीमा भी कराया गया था। हालांकि इस घटना के बाद बैंक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। जहां अन्य बैंक सुबह 10.30 बजे खुलते हैं। वहीं इसाफ बैंक सुबह 7 बजे ही खुल जाता है। इतनी बड़ी संपत्ति होने के बावजूद बैंक ने न तो कोई सुरक्षा गार्ड रखाए और न ही बैंक की सुरक्षा के लिए बुनियादी उपाय किए।