बेटी ने की पसंद से शादी, पंचायत के तुगलकी फरमान से हुक्का पानी बंद !


बालाघाट में इंटर कास्ट मैरिज को समाजसेवियों ने बताया अपराध, पीड़ित परिवार ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार

बालाघाट ।  किरनापुर जनपद के सिवनी कला गांव में एक बेटी अपनी पसंद से शादी कर ली, जिसके बाद उसके पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। बताया जा रहा है कि लड़की के परिवार को गांव में मौजूद किराना दुकान से समान नहीं दिया जाता है। वहीं, मंदिरों में पूजा-पाठ पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और सामाजिक कार्यक्रम में भी आमंत्रित नहीं किया जाता है, जिससे वे अपमानित हो रहे हैं। मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। इससे परेशान होकर अब परिवार ने एसपी से न्याय की गुहार लगाई है। टीआई अविनाश राठौर ने बताया कि "इस संबंध में थाने में शिकायत की गई है. लेकिन सामाजिक मामला होने के कारण अभी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मामले को लेकर जांच चल रही है।

परिवार के 8 सदस्यों को किया बहिष्कृत

तथाकथित समाजसेवी पर कुरीतियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है कि कुनबी समाज की बेटी अपनी पसंद से सुनार समाज के लड़के के साथ शादी कर ली। शादी के करीब 3 साल बाद तक समाज में किसी ने आपत्ति नहीं जताई, लेकिन फरवरी 2024 में कुछ तथाकथित समाजसेवियों ने एक बैठक बुलाई, जिसमें परिवार के 8 सदस्यों को कुनबी समाज से बहिष्कृत कर दिया. उनका कहना है कि 'इनकी बेटी ने दूसरे समाज के लड़के से शादी कर कुनबी समाज को कलंकित करने का अपराध किया है।

मायके वालों ने घर आने से किया मना

पीड़ित बेटी की मां भूमिका झलपे का मायके उसी गांव में है। उन्होंने बताया कि "3 मई 2025 को उनके पिता की मृत्यु हो गई, लेकिन उन्हें इसकी खबर नहीं दी गई। जब भूमिका झलपे को अपने पिता की मौत की जानकारी लगी तो वे मायके गई, लेकिन उन्हें मायके वालों ने घर आने से मना कर दिया। मायके वालों का कहना है कि उसके कारण समाज वाले उन्हें भी बहिष्कृत कर देंगे।

शोक सभा से भगाया

भूमिका झलपे ने बताया कि मेरे पति दिलीप झलपे शव यात्रा में गए हुए थे। इस दौरान समाज के प्रतिनिधियों ने रिश्तेदारों के सामने उन्हें अपमानित किया, जिसमें सुरेश धार्मिक, यादोराव गाड़वे, जियालाल धार्मिक, रविन्द्र गाड़वे का नाम शामिल है। वहीं, मोक्षधाम सिवनी में शोकसभा के दौरान सुरेश धार्मिक द्वारा मेरे पति दिलीप झलपे को समाज से बहिष्कृत किये जाने की बात कहते हुए वहां से भगा दिया गया।

लोगों के साथ उठना-बैठना कराया बंद

दिलीप झलपे ने बताया कि "साल 2022 में मेरी बेटी ने सुनार समाज के युवक से शादी की थी. शादी के बाद उसका मेरे घर आना-जाना लगा रहता था. जिसके चलते हमारे पूरे परिवार को समाज ने बहिष्कृत कर दिया. इसके बाद गांव के लोगों के साथ उठना-बैठना भी बंद करवा दिया गया. साथ ही गांव के ग्रामीणो पर धौंस जमाकर हमारे परिवार से सारे संबंध खत्म करने की चेतावनी दी जाती है और हमारे खिलाफ लोगो को भड़काया जाता है."

Post a Comment

Previous Post Next Post