जबलपुर. आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना के तहत भारत सरकार ने अपने सभी केंद्रीय मंत्रालयों के अस्पतालों जिनमें रेलवे भी शामिल है को राज्य सरकारा के स्वास्थ्य विभाग के अधीन करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर स्थित केंद्रीय चिकित्सालय सहित देश के 76 रेलवे अस्पतालों का नियंत्रण अगले एक माह के अंदर स्थानांतरित हो जायेगा। इस निर्णय के बाद इन रेलवे अस्पतालों में भी आम लोग पीएम स्वास्थ्य योजना के तहत उपचार करा सकेंगे.
केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद गत 18 अगस्त 2025 को रेलवे ने सभी रेल जोनों को इस संंबध में एक पत्र भी जारी किया है. जिसमें रेलवे अस्पतालों की सूची भी की गई है, जिन्हें राज्य का हेल्थ डिपार्टमेंट टेकओवर करेगा।
पमरे के ये हास्पिटल्स होंगे स्थानांतरित
रेलवे बोर्ड ने देश के 76 अस्पतालों की सूची जारी की है, उसमें पश्चिम मध्य रेलवे के अस्पतालों में जबलपुर के केंद्रीय चिकित्सालय, कोटा का मंडल चिकित्सालय व भोपाल मंडल के अंतर्गत इटारसी का सब चिकित्सालय शामिल है।
आम लोग भी स्वास्थ्य योजना में उपचार करा सकेंगे
बताया जाता है कि केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद जारी की गई केंद्रीय मंत्रालयों के अस्पतालों में आम लोग भी प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत अपना उपचार करा सकेंगे. उन्हें अपने घर के समीप ही बेहतर उपचार की व्यवस्था उपलब्ध हो सकेगी। इन अस्पतालों का प्रबंधन पूरी तरह से राज्य सरकार के पास पहुंच जायेगा. यहां पर केवल रेलवे के अधिकारी नोडल की भूमिका में रहेंगे.
रेल कर्मचारियों को नहीं मिल रहा बेहतर उपचार
केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद रेल कर्मचारियों, पेेंशनर्स, उनके परिजन जो रेलवे अस्पतालों में उपचार कराते हैं, वे पहले से यहां की जर्जर हो चुकी चिकित्सा व्यवस्था से परेशान हैं. चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी, दवाइयों का पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होना, जैसी समस्याओं से वे परेशान हैें. अब नये निर्णय से जब आम लोग भी यहां पर स्वास्थ्य योजना में उपचार कराने आयेंगे तब स्वास्थ्य व्यवस्था कैसी होगी, इस पर कर्मचारी सवालिया निशान लगा रहे हैं.