प्रयागराज. प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं और बाढ़ के हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं. शनिवार को हालात उस वक्त और खराब हो गए जब जिले के करीब 4 दर्जन गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए.
शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है और हजारों घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन और राहत एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गई हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें चौबीसों घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा चुका है. राहत शिविरों में भोजन, पानी और दवाओं की व्यवस्था की गई है.
बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का काम जारी
अधिकारी के अनुसार, बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार नावों के जरिए रेस्क्यू किया जा रहा है. जरूरतमंदों को राहत सामग्री भी पहुंचाई जा रही है. कुछ स्थानों पर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल आते ही टीम मिनटों में मौके पर पहुंच रही है.
राजापुर-बघाड़ा जैसे रिहायशी इलाके भी जलमग्न
शहर में राजापुर, बघाड़ा, सराय मौज, म्योराबाद, मेहदौरी, दरियाबाद जैसे इलाकों में पानी भर चुका है. लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों की ओर जा रहे हैं. प्रशासन ने अब तक 5 राहत शिविर चालू किए हैं, जहां एक हजार से ज्यादा लोगों को शरण दी गई है.
क्यों बढ़ रहा गंगा-यमुना का जलस्तर?
राजस्थान, मध्य प्रदेश और बुंदेलखंड में लगातार हो रही भारी बारिश का सीधा असर गंगा और यमुना नदियों पर पड़ रहा है. इन क्षेत्रों की नदियां केन, बेतवा और चंबल का पानी यमुना में आने से जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. गंगा का जलस्तर भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भारी वर्षा के चलते ऊपर चढ़ रहा है.