चिकित्सा दल ने किया छात्रावास में रह रहे बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण
जबलपुर। विकासखण्ड कुड़ेश्वरधाम के अंतर्गत हरदुलीकलां स्थित शासकीय सीनियर आदिवासी बालक छात्रावास के चौदह वर्षीय छात्र राजकुमार धुर्वे की मृत्यु की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुँचकर हालात का जायजा लिया। टीम में शामिल चिकित्सकों द्वारा छात्रावास में रह रहे सभी छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है। स्वास्थ्य परीक्षण में छात्रावास के सभी बच्चे स्वस्थ्य पाये गये हैं। जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुये है तथा सतर्कता के तौर पर सभी जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि हरदुली कलां स्थित शासकीय सीनियर आदिवासी बालक छात्रावास के चौदह बच्चों को 20 अगस्त की सुबह सर्दी-खांसी की शिकायत हुई थी। इन चौदह बच्चों में से तीन बच्चों को पेट दर्द एवं बुखार की शिकायत भी थी। छात्रावास के कर्मचारियों द्वारा स्थानीय स्तर पर इन सभी बच्चों का प्रारंभिक उपचार करवाया गये और देखभाल के लिये उन्हें घर भिजवा दिया गया था।
छात्रावास से घर भेजे गये इन बच्चों में से ग्राम बिलटुकरी निवासी 14 वर्षीय राजकुमार धुर्वे पिता जानू सिंह धुर्वे की 21 अगस्त को तबियत खराब होने पर उसके परिजनों द्वारा कुण्डेश्वरधाम स्थित शासकीय अस्पताल लाया गया। जहाँ से इलाज के बाद उसे जिला अस्पताल के लिये रेफर किया गया। लेकिन रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई।
कलेक्टर ने बताया कि छात्र राजकुमार धुर्वे की मृत्यु की सूचना प्राप्त होते ही जिला पंचायत के सीईओ अभिषेक गहलोत एवं अपर कलेक्टर नाथूराम गोंड के नेतृत्व में अलग-अलग विभागों के अधिकारियों की टीम भेजकर हरदुलीकलां छत्रावास में सभी 22 बच्चों का स्वास्थ्य करवाया गया। टीम के साथ गये चिकित्सा दल द्वारा किये गये स्वास्थ्य परीक्षण में ये सभी बच्चे स्वस्थ्य पाये गये।
20 अगस्त को प्रारंभिक उपचार के बाद घर भेजे गये चौदह बच्चों में से दो बच्चे वापस छात्रावास आ गये हैं। ये दोनों पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। शेष 11 बच्चों से दूरभाष पर संपर्क किये जाने पर उनका स्वास्थ्य भी बेहतर बताया गया है। इसके बावजूद चिकित्सा दलों को उनके घर जाकर स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिये गये हैं। आवश्यकता होने पर इन बच्चों को उपचार के लिये जिला अस्पताल शिफ्ट किया जायेगा। शासकीय सीनियर आदिवासी बालक छात्रावास हरदुलीकलां में 46 बच्चे पंजीकृत हैं। छात्रावास में 20 अगस्त की स्थिति में 33 बच्चे निवासरत थे।