हैदराबाद. देश की पहली चालक रहित मिनी बस हैदराबाद पहुंच गई हैं. इसके साथ ही एक नए भविष्य का आगाज हो गया है. हालांकि इन वाहनों को अभी जनता के लिए नहीं खोला गया है. फिलहाल इनको विशेष रूप से आईआईटी हैदराबाद परिसर के भीतर ही संचालित किया जा रहा है.
आईआईटी हैदराबाद द्वारा विकसित ऑटोनॉमस नेविगेशन डेटा एक्विजिशन सिस्टम तकनीक से संचालित ये बसें पिछले तीन दिनों से संस्थान परिसर में प्रतिदिन चल रही हैं. कर्मचारियों के अनुसार, यह भारत में पहली बार है कि चालक रहित बसों को कार्यात्मक क्षमता में तैनात किया गया है.एअर इंडिया फ्ऱीडम सेल
बिजली से संचालित
इन स्वचालित बसों के लिए टेक्नालाजी का विकास आईआईटी हैदराबाद की विशेष अनुसंधान इकाई, टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनॉमस नेविगेशन (ञ्जढ्ढ॥्रहृ) द्वारा किया गया है. खास बात यह है कि ये बसें पूरी तरह से बिजली से चलती हैं, जिससे ये पर्यावरण के अनुकूल हैं. आईआईटी परिसर में फिलहाल दो मॉडल की गाडिय़ां चल रही हैं, इनमें एक छह सीटों वाली और दूसरी चौदह सीटों वाली गाड़ी है. इनका उपयोग छात्र और प्राध्यापक मुख्य द्वार से परिसर के विभिन्न भागों तक जाने के लिए कर रहे हैं.
इसको लेकर इसमें सफर करने वालों की मिली प्रतिक्रिया बेहद उत्साहजनक रही है. टीआईएचएएन के अधिकारियों ने बताया कि इन वाहनों में यात्रा करने वाले लगभग 90 प्रतिशत लोगों ने सेवा से संतुष्टि व्यक्त की और इसकी सुगमता और विश्वसनीयता की प्रशंसा की.
एडवांस सेफ्टी फीचर्स
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, ये चालक रहित बसें स्वायत्त आपातकालीन ब्रेकिंग और अनुकूली क्रूज नियंत्रण प्रणालियों से सुसज्जित हैं. ये विशेषताएं बस की गति को नियंत्रित करने में मदद करती हैं और यात्रा के दौरान सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करती हैं.
रास्ते में आने वाले अवरोधों का पता लगाने में सक्षम
ऑनबोर्ड एआई प्रणाली वाहन के मार्ग में आने वाली बाधाओं का पता लगाने में सक्षम है, जिससे यह स्वचालित रूप से सबसे सुरक्षित मार्ग का चयन कर सकता है. आईआईटी हैदराबाद परिसर में इन वाहनों का सफल संचालन भारत की स्वायत्त सार्वजनिक परिवहन की दिशा में एक मील का पत्थर है. यदि यह परियोजना लगातार अच्छा प्रदर्शन करती रही, तो यह भविष्य में अन्य भारतीय शहरों में भी चालक रहित सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का मार्ग प्रशस्त कर सकती है