
खबर है कि 99 एकड़ में से काफी हिस्से में मछली परिवार का दखल सामने आया है। एक कॉलोनी का कुछ हिस्सा भी शामिल हैं। इसलिए इसकी पड़ताल की जा रही है। मछली परिवार सहित 20 लोगों को पहले ही नोटिस दिए जा चुके हैं। कार्यवाही से पहले प्लान का प्रजेंटेशन भी कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को दिखाया गया। यह कार्रवाई गोविंदपुरा एसडीएम रवीश कुमार श्रीवास्तव और तहसीलदार सौरभ वर्मा करेंगे। 99 एकड़ जमीन का सीमांकन करने में 7 से 10 दिन का समय लग सकता है। यह जमीन 12 से 13 रकबे में है। एडीएम अंकुर मेश्राम ने बताया कि कार्यवाही को लेकर प्लान तैयार किया है। 27 अगस्त से सीमांकन की शुरुआत की जाएगी। गोविंदपुरा अनुभाग की टीम सीमांकन में रहेंगी। यदि इसमें किसी का अवैध कब्जा सामने आता है तो उसे हटाने की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि जिला प्रशासन मछली परिवार की अन्य संपत्तियों की जांच में जुटा। इसी बीच पशुपालन विभाग ने कोकता बायपास स्थित 99 एकड़ जमीन का सीमांकन कराने के लिए आवेदन दिया था। अधिकारियों का दावा है कि इस जमीन पर भी मछली परिवार सहित 20 लोगों ने कब्जा किया है। इसके आधार पर प्रशासन ने रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया। वही सभी 20 लोगों को नोटिस जारी किए।
23 दिन में ऐसे हुई कार्रवाई-
ड्रग्स तस्करी और दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार शाहवर मछली व उसके भतीजे यासीन के परिवार की अवैध कोठी को 21 अगस्त को गिरा दिया गया था। करीब 15 हजार स्क्वायर फीट एरिये में बनी कोठी, पोर्च, गैराज, पार्क था। इस जमीन की अनुमानित कीमत 25 करोड़ रुपए आंकी गई है। इससे पहले 30 जुलाई को कार्रवाई की गई थी। जिसमें 6 संपत्तियों को जमींदोज कर 100 करोड़ रुपए कीमत की सरकारी जमीन कब्जा मुक्त कराई गई थी।
घेराबंदी कर गिरफ्तार किए गए थे शाहवर और यासीन-
शाहवर मछली व उसके भतीजे यासीन को क्राइम ब्रांच ने गैमन मॉल के पास से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया था। तलाशी में उनके पास से तीन ग्राम एमडी ड्रग, एक देशी पिस्टल बरामद हुई थी। यासीन के मोबाइल में ऐसे वीडियो भी मिले थे, जिनमें वह युवकों को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटता दिख रहा था। मोबाइल में युवतियों के आपत्तिजनक वीडियो भी पाए गए। पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान दोनों ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे। आरोपी राजस्थान से भी ड्रग लाते थे। सड़क के रास्ते नशे का सामान लाया जाता था। इसके बाद भोपाल के अलग-अलग पब व लाउंज में पुराने और भरोसेमंद फिक्स कस्टमरों तक ड्रग्स पहुंचाई जाती थी।