जबलपुर में 7 किलोमीटर की दूरी 7 मिनट में होगी तय, केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने फ्लाईओवर का लोकार्पण, बोले मेरे कहने पर कमलनाथ ने प्रपोज भेजा था


जबलपुर। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री डॉण् मोहन यादव ने जबलपुर में एमपी के सबसे लंबे फ्लाईओवर ब्रिज का लोकार्पण किया। सात किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर का नाम वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा गया है। इस मौके पर 4250 करोड़ से अधिक लागत की 174 किलोमीटर लंबी 9 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया।

                             इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि उस समय मध्यप्रदेश में कांग्रेस का शासन था। कमलनाथ मुख्यमंत्री थे। मैंने कमलनाथ से निवेदन किया, आप सीआरएफ में ये प्रपोजल भेज दो। इससे दोगुना पैसा मैं आपको राष्ट्रीय राजमार्ग में दूंगा। उन्होंने प्रपोजल भेज दिया। बहुत अच्छा फ्लाईओवर आज जनता को मिला है। देश में पहली बार ऐसा हुआ था कि सीआरईएफ से रुपए का काम स्वीकृत किया गया हो। फ्लाईओवर शुरू होने से मदनमहल से दमोह नाका तक की सात किलोमीटर की दूरी सात मिनट में ही पूरी हो सकेगी। पहले यह दूरी तय करने में 45 मिनट का समय लगता था। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस फ्लाईओवर ब्रिज का भूमिपूजन किया था। केंद्र सरकार ने इसका निर्माण सेंट्रल रिजर्व फंड से कराने का निर्णय लिया था। उस समय इसकी लागत 800 करोड़ रुपए थी जो बढ़कर करीब 1100 करोड़ हो गई। खास यह है कि सेंट्रल रिजर्व फंड से पहली बार किसी फ्लाईओवर के लिए इतनी राशि मिली थी। 

देश में कहीं भी इतनी बड़ी राशि, केंद्रीय फंड से नहीं दी गई-

इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि देश में पीएम का नेतृत्व नहीं होता, सड़क परिवहन मंत्री गडकरी नहीं होते, एमपी में भाजपा सरकार नहीं होती और मोहन यादव मुख्यमंत्री नहीं होते तो यह ब्रिज नहीं बन सकता था। अधिकारियों ने मना कर दिया था कि यह ब्रिज नहीं बन पाएगा। तब श्री गडकरी ने बैठकें की और रास्ता निकाला। देश में कहीं भी इतनी बड़ी राशि केंद्रीय फंड से नहीं दी गई। कांग्रेस सरकार ने रोक लगाई। श्री गडकरी ने सरकार से कह दिया यह ब्रिज नहीं बनाए तो एमपी मप्र को कुछ नहीं मिलेगा।

नितिन गडकरी ने वास्तुकार की भूमिका निभाई- 

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मोदी के संकल्प को साकार करने में गडकरी ने वास्तुकार की भूमिका निभाई। 70 साल में पहली बार ऐसी विकास की गंगा बही। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में निवेश के कीर्तिमान गढ़े जा रहे। देश में विजनरी नेतृत्व है। पीएम मोदी ने कहा है कि यह दशक भारत के कायाकल्प का समय है। मप्र सक्सेस स्टोरी लिख रहा है। वीरांगना रानी दुर्गावती फ्लाईओवर का लोकार्पण होने जा रहा है। यह जबलपुर के भविष्य को बदलने वाला है। यह जबलपुर को उन्नत महानगर के रूप में प्रस्तुत कर रही। ये जबलपुर के भविष्य को बदलने वाला ब्रिज। इसे बनाने की कितनी बाधाएं आईं आप कल्पना नहीं कर सकते।

117 किलोमीटर की रिंग रोड मिली-

महाकौशल के माथे पर जबलपुर को ताज की तरह सजा दिया। 117 किमी की सबसे बड़ी रिंग रोड मिली। जिसकी लागत 4000 करोड़ है। बिलासपुर तक नेशनल हाईवे मांगाए गडकरी ने उसकी भी घोषणा कर दी। केबल कार भी दी। दोनों में डीपीआर का काम चल रहा। रिंग रोड पर दो लॉजिस्टिक पार्क की घोषणा की। आईकोनिक ब्रिज की भी घोषणा की। जबलपुर में हवाई जहाज जैसी सुविधाओं वाली बसें दीं अब मेट्रो की जरूरत नहीं। मप्र में टाइगर सर्किल भी बनना चाहिए। केंद्रीय मंत्री टाइगर एक्सप्रेस वे की घोषणा करें।

सांसद बोले, जबलपुर से बांधवगढ़ के लिए सड़क बनवा दे-

इस मौके पर सांसद आशीष दुुबे ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गडकरी कहा कि प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर ब्रिज बनाकर जबलपुर को सौगात दी है। जबलपुर की जनता की ओर से एक निवेदन और है कि यहां से बांधवगढ़ के लिए सड़क और बनवा दीजिए। सदन में हम गडकरी के साथ जाते हैं उनसे मिलने पर सुखद अनुभूति होती है। उन्होंने पैसे की बात कभी नहीं की। मेरे ननिहाल से आए हैं। इसलिए मांग करूंगा। जबलपुर में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। बांधवगढ़ जाने के लिए जबलपुर से सीधी रोड दी जाए। अभी 150 किमी का सफर करना होता है। सीधी रोड मिलने पर 90 किमी रह जाएगा।




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