जानकारी के अनुसार, वर्धा-यवतमाल-नांदेड रेलवे परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। इसी के तहत पुलों के खंभे बनाने के लिए गहरे गड्ढे
खोदे गए थे। हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण ये गड्ढे लबालब पानी से भर गए थे। सबसे चिंताजनक बात यह थी कि इन खतरनाक गड्ढों के चारों ओर कोई सुरक्षा घेरा या चेतावनी का बोर्ड नहीं लगाया गया था।
बुधवार 20 अगसत की दोपहर को ये चारों बच्चे खेलते-खेलते वहां पहुंचे और नहाने के लिए पानी से भरे गड्ढे में उतर गए। उन्हें गड्ढे की गहराई का अंदाजा नहीं था, जिसके कारण वे गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे।
बच्चों को डूबता देख आसपास के लोगों ने शोर मचाया और उन्हें किसी तरह बाहर निकाला। उन्हें फौरन दारव्हा के उप जिला अस्पताल ले जाया गया। बच्चों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें यवतमाल के संजीवनी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच के बाद चारों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद पीडि़त परिवारों में कोहराम मच गया है।
मृतक बच्चों की पहचान दारव्हा निवासी रिहान असलम खान (13), गोलू पांडुरंग नारनवरे (10), सोम्या सतीश खडसन (10) और वैभव आशीष बोधले (14) के रूप में हुई है।