डर-दहशत के एक कॉल से गवां दी जिंदगी भर की कमाई, 17 लाख की साइबर ठगी


जबलपुर।
टेलीविजन, रेडियो और अन्य साधनों से अलर्ट करने के बाद भी लोग साइबर ठगों के जाल में फंस कर जीवन की कमाई गवां रहे हैं। ऐसा ही एक मामला रांझी में सामने आया है, जिसमें मढ़ई में रहने वाला एक व्यक्ति डर और दहशत भरे एक में फंस गया और उसने 17 लाख रूपए गवां दिए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज करके साइबर सेल से संपर्क किया है।

रांझी पुलिस ने बताया कि पोस्ट व्हीएफजे मढ़ई में रहने वाले योगेन्द्र कुमार पटेल ने अजात व्यक्तियो द्वारा 16,60,662 रूपये की सायबर धोखाधड़ी करने के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई। योगेन्द्र ने पुलिस को बताया कि 22 जुलाई की सुबह मोबाईल पर मोबाइल नंबर 9474852097 से अज्ञात व्यक्ति का फोन आया था, जिसने अपना नाम राजेश अग्रवाल बताते हुए खुद को टेलीकाम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इण्डिया से होना बताया। उसने कहा कि आपके आधार कार्ड से एक सिम नम्बर 9839768051 जारी हुआ है। उस सिम से अनैतिक कार्य हो रहे जिससे आपके विरुध मुम्बई में एफआईआर दर्ज हुई है। दूसरी ओर से गुमराह करते हुए उसने कहा कि हम आपकी काल ट्रांसफर कर रहे है। आपको दूसरे नम्बर से फोन आयेगा। इसके कुछ समय बाद उसके वाट्सअप पर मोबाईल नम्बर 9114088797 से एक मैसेज आया जिसमे सायबर सेल डिपार्टमेंट, मुंबई लिखा था। उसी मैसेज पर मेने अपना नाम और राजेश कुमार अग्रवाल द्वारा बताई गई एफआईआर नम्बर लिख कर भेजा। उसके बाद उसने मुझे वाट्सप काल किया और कहा कि आपकी सिम से जो अनैतिक कार्य हो रहे है उसमें एफआईआर दर्ज है। उसमें 08 करोड की हेराफेरी हुई है। आप मनी लॉड्रिंग केस में फंसे है। आपके और आपकी पत्नी के खातों के ट्रांजेक्शन की जांच करनी पडेगी, नहीं तो आपको और आपकी पत्नि को 10 साल के लिये जेल जाना पड सकता है। योगेन्द्र उनकी बातो में आकर डर गया और पूछा कि इसके लिए क्या करना पड़ेगा तो उसने दूसरी ओर से व्यक्तिगत प्रापर्टी एव सेविंग्स की जानकारी मांगी। डरे सहमें योगेन्द्र ने उसको बैंक खातों व आरडी की जानकारी दे दी। दूसरी ओर से दबाव देते हुए उसने कहा कि वह बैंक खाता नंबर दे रहा हूं, जिसमे आपको रुपये डालने पड़ेगा। इसके बाद उसने मुझे बैंक खाता क्रमाक 1701020000000387 भेजा और कहा कि इसमें आप अपनी पत्नी के खाते से रुपये भेजो जिस पर मैने दिनाक 22 जुलाई  को अपनी पत्नी के स्टेट बैंक के खाता नंबर भेजा। खाते में योगन्द्र ने 2,46,257 रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए। दो दिन बाद उसने फिर से एक बैंक खाता नंबर भेजा और कहा कि आरडी व अपने बैंक खाते के रुपये भेजो। जिस पर योगेन्द्र ने अपनी पोस्ट आफिस से आरडी तुडवाकर अपने यूको बैंक के खाते से 9,14,405 रुपये ट्र्ांसफर कर दिए। दो बार ट्र्ांजेक्शन होने के बाद 28 जुलाई को अज्ञात व्यक्ति ने पिफर झांसा दिय और योगेन्द्र को जमानत के लिए 05 लाख रुपये बैंक खाते में डालने को कहा। इस पर योगेन्द्र ने परिचितो से पैसा उधार लेकर बताए खाते में 5 लाख रुपये भेज दिए। योगेन्द्र ने अज्ञात व्यक्ति से पूछा कि उसके पैसे कब वापस मिलेंगे। इस पर दूसरी ओर से मना कर दिया गया। ठगी का शिकार होने का अंदेश होते ही पुलिस में एफआईआर की गई।

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