मुंबई. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को 17,000 करोड़ के कथित लोन फ्रॉड केस में पूछताछ के लिए समन भेजा है। उन्हें 5 अगस्त को नई दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की जा रही जांच का हिस्सा है।
बीते हफ्ते ईडी ने रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें अकेले मुंबई में 35 स्थान शामिल थे। यह कार्रवाई यस बैंक से लिए गए कथित अवैध लोन और उनके दुरुपयोग से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत हुई। ईडी के अनुसार, अनिल अंबानी की कंपनियों को लोन दिए जाने से ठीक पहले यस बैंक प्रमोटरों को फंड ट्रांसफर किए गए थे।
जांच में सामने आया है कि कुछ कंपनियों को बिना पर्याप्त दस्तावेजों और खराब वित्तीय स्थिति के बावजूद लोन दिए गए। एक ही पते और निदेशकों का इस्तेमाल कर कई कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया। कुछ मामलों में पुराने कर्ज चुकाने के लिए नए लोन जारी किए गए। रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि जांच का उनके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ा है।
सेबी, एनएचबी, एनएफआरए और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित अन्य संस्थाओं ने भी ईडी को कई वित्तीय गड़बडिय़ों की जानकारी दी है। सेबी की रिपोर्ट में बताया गया कि रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) का कॉर्पोरेट लोन पोर्टफोलियो एक साल में दोगुना हुआ, जो अनियमितता की ओर इशारा करता है। गौरतलब है कि इससे पहले एसबीआई ने नवंबर 2020 में आरकॉम और अनिल अंबानी के बैंक खातों को फ्रॉड अकाउंट घोषित किया था। हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट के यथास्थिति आदेश के बाद शिकायत वापस ले ली गई थी।