शेयर मार्केट में ट्रंप के नए टैरिफ से हड़कंप, चंद मिनटों में निवेशकों के डूबे 1.61 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ का असर गुरुवार को शेयर मार्केट में साफ दिखा। सेंसेक्स 200 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ खुला, और निफ्टी भी 50 से ज्यादा अंकों नीचे लुढ़क गया. इस गिरावट से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 1.61 लाख करोड़ रुपये कम हो गया.

बीएसई सेंसेक्स ने गुरुवार को 80,262.50 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की, जो इसके पिछले बंद स्तर 80,543.99 से करीब 281 अंक नीचे था. वहीं एनएसई निफ्टी 50 ने भी कमजोर शुरुआत की. यह 24,464.20 के स्तर पर खुला, जो पिछले बंद 24,574.05 से करीब 110 अंक नीचे था.

निफ्टी के तकनीकी संकेत कमजोर

6 अगस्त को भी निफ्टी का कारोबारी सत्र गिरावट के साथ पूरा हुआ था. इंडेक्स 75 अंक फिसलकर बंद हुआ. तकनीकी विश्लेषकों के मुताबिक, इंडेक्स फिलहाल सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहा है. इस कमजोरी के चलते मंदडिय़ों को मजबूती मिलने की संभावना है. निफ्टी के लिए अब 24,473 का स्तर अहम सपोर्ट बना हुआ है, जो जून का निचला स्तर है. अगर यह टूटता है तो इंडेक्स 200-डे ईएमए यानी 24,200 की ओर फिसल सकता है, जिसे बाजार में एक मजबूत टेक्निकल सपोर्ट माना जाता है. वहीं, ऊपर की ओर अगर कोई रिकवरी होती है तो 24,700 पर पहला रेजिस्टेंस देखा जा रहा है.

 बाजार में डर का माहौल

बाजार में डर को मापने वाला इंडिकेटर इंडिया विक्स गुरुवार को 2.11 प्रतिशत की तेजी के साथ 11.96 के स्तर पर पहुंच गया. यह अपने शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज से ऊपर चला गया है, जिससे तेजडिय़ों को दबाव का सामना करना पड़ सकता है. पिछले दो हफ्तों में प्रतिशत में करीब 11.6 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई है, जो बाजार में बढ़ती अनिश्चितता का संकेत है. विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप के टैरिफ फैसले ने पहले से ही दबाव में चल रहे बाजार पर और नकारात्मक असर डाला है. अगर विदेशी निवेशकों की बिकवाली बढ़ती है, तो आने वाले दिनों में और गिरावट देखने को मिल सकती है.

भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ

गौरतलब है कि ट्रंप पहले ही भारत से अमेरिका जाने वाले सामान पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा चुके थे. बुधवार को उन्होंने उस पर और 25 प्रतिशत का इजाफा कर दिया, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है. यह फैसला भारतीय निर्यातकों के साथ-साथ निवेशकों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है. ट्रेड और शेयर बाजार दोनों पर इसका असर साफ तौर पर देखा जा सकता है.

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