फर्जी तरीके से रेलवे गार्ड बने राजेंद्र मीणा को WCR ने सेवा से किया बर्खास्त, कई सालों तक की नौकरी

कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल डमी कैंडिडेट के जरिए गार्ड की सालों तक नौकरी करने वाले गुड्स गार्ड राजेंद्र मीणा को रेल प्रशासन ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है. उसका फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया. 

कोटा के सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने बताया कि राजेंद्र मीणा पर एक और मुकदमा डमी कैंडिडेट के जरिए परीक्षा देने व रेलवे की नौकरी प्राप्त करने का दर्ज हुआ. इस पर उसे पहले निलंबित किया. जांच में दोषी पाए जाने पर अब सेवा से बर्खास्त कर दिया. सीबीआई की जयपुर यूनिट ने 12 जून को डमी कैंडिडेट्स के जरिए नौकरी पाने वाले राजेंद्र के खिलाफ मुकदमा किया था. 

डमी कैंडीडेट बैठाकर जीडीसीई एक्जाम पास किया

इस मामले में मनीष मीणा भी आरोपी है. वह दौसा के महुआ तहसील के बोरखेड़ा निवासी है. उसी ने राजेंद्र की जगह डमी कैंडिडेट के रूप में वर्ष 2019 में पदोन्नति की जनरल डिपाटर्मेंट कॉम्पिटेटिव एग्जामिनेशन (जीडीसीई) कंप्यूटर बेस्ट टेस्ट (सीबीटी) कोटा में दिया था. मनीष को डमी कैंडिडेंट के रूप में बिठाकर चयनित राजेंद्र गुड्स रेलवे गार्ड की नौकरी करने लग गया. राजेंद्र ने वेस्ट सेंट्रल रेलवे में कोटा रेल मंडल में कई साल नौकरी कर ली. राजेंद्र की वर्ष 2013 ग्रुप डी की नौकरी लगी थी.

डमी कैंडीडेट मामले दो रेल कर्मचारी पहले ही हो चुके बर्खास्त

डमी कैंडिडेट के जरिए परीक्षा पास करने की मामले में टीआरडी डिपार्टमेंट की हेल्पर सपना मीणा और सोगरिया स्टेशन की पॉइंट्स में रही आशा मीणा को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. दोनों ने डमी कैंडिडेट के जरिए परीक्षा पास की थी. इनकी जगह दिल्ली पुलिस की जवान लक्ष्मी मीणा ने परीक्षा दी थी. इस मामले में शिकायत सपना के पति मनीष मीणा ने की थी. वह लगातार हर स्तर पर शिकायत कर रहा था. इस पर ही सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया. इसी मामले की जांच में गार्ड राजेंद्र का नाम सामने आया.

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