जबलपुर : एक माह पूर्व जलपरी हुई पानी से लबालब, विद्युत विभाग के प्रयास का नतीजा

जबलपुर. एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के रामपुर परिसर स्थित 19936 वर्ग मीटर की जलपरी झील इस बार मानसून सीजन में अपने निर्धारित समय से पूर्व पानी से लबालब भर गई। आमतौर पर जलपरी में यह स्थिति अगस्त के अंतिम सप्ताह तक आती है, लेकिन इस बार अच्छी बरसात के कारण एक माह पूर्व ही यह भर गई। 

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के सिविल परियोजना विभाग के विशेष प्रयास के कारण इस बार गर्मी के जून माह तक जलपरी में जल का स्तर बना रहा। जलपरी शहर की उन चुनिंदा स्थानों में से एक है, जहां लोग सुबह-शाम सैर करने आते हैं।

क्या था सिविल परियोजना विभाग का छोटा सा प्रयास

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत् कंपनी के सिविल परियोजना विभाग को जलपरी के जल स्तर को बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी। सिविल परियोजना विभाग के अभियंताओं ने जलपरी के सामने सड़क की दाएं ओर ढलान में विद्युत मण्डल के एक पुराने बंद कुएं को रिचार्ज कर इसे दुरस्त किया। रिचार्ज कुआं से जलपरी तक सड़क के नीचे से लगभग चार इंच का पाइप निकाल कर जल प्रदाय की व्यवस्था की गई। कुएं में पांच एचपी का पम्प लगाकर पानी को पम्प करके जलपरी में अप्रैल से जून माह तक प्रतिदिन चार घंटे जल सप्लाई की गई। इस छोटे से प्रयास से जलपरी में एक स्तर तक जल रहने से पर्यावरण संतुलन बना रहा। गर्मी में जलपरी में प्रवासी पक्षी तैरते रहे और मछलियां जीवित रहीं।

1960 में जलपरी हुई थी स्थापित

एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन व प्रशासन ने जानकारी दी कि जब जबलपुर में वर्ष 1960 में विद्युत मण्डल मुख्यालय स्थापित होने की प्रक्रिया में कार्यालय व आवासीय भवनों का निर्माण हो रहा था, उस समय प्राकृतिक झील के ऊपर आवागमन हेतु एक ब्रिज बनाकर इस क्षेत्र को विकसित किया गया। झील में एक जलपरी की मूर्ति स्थापित की गई। कालांतर में यह पूरा क्षेत्र शहर का एक दर्शनीय व रमणीय स्थल बन गया। पिछली सदी के आठवें दशक के अंत में जलपरी झील के पास के क्षेत्र में देश का विलक्षण व अद्भुत वास्तुकला वाला शक्तिभवन का निर्माण हुआ। 

ठाकुरताल का कैचमेंट है जलपरी

जलपरी का मेंटेनेंस करने वाले पावर मैनेजमेंट कंपनी के सिविल डिवीजन एक के कार्यपालन अभियंता धर्मेन्द्र वर्मा ने बताया कि पहाड़ पर स्थित ठाकुरताल में जब बरसात का पानी ओवरफ्लो होता है तो वह ऊपर से बहकर जलपरी झील में एकत्रित हो जाता है। इसके अलावा आसपास के ऊंचे स्थान से भी पानी बहकर जलपरी में एकत्रित होता है। शक्तिभवन से जलपरी तक सड़क को ऐसा डिजाइन किया गया है, बरसात का पानी भी सड़क से बहकर जलपरी में एकत्रित हो जाता है।

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