तीन दिन बाद मिला नायब तहसीदार का लापता बेटा, गले में गंभीर चोट के निशान, इलाज के लिए जबलपुर रेफर, दोस्त पर हमला का आरोप

 

दमोह। कोतमा तहसीदार धनीराम गौंड का लापता बेटा रोहित तीन दिन बाद दमोह स्थित घर आया। रोहित के गले में गंभीर चोट के निशान मिले है, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद जबलपुर के मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया है। इस घटना को लेकर परिजनों ने दोस्त पर हमले का आरोप लगाया है। 

                               बताया गया है कि रोहित 19 जुलाई की रात 8 बजे कार लेकर घर से निकला था। रात 12 बजे तक वह जबलपुर नाके पर होने की बात कह रहा था। रात 2 बजे उसका फोन बंद हो गया। अगली रात करीब ढाई बजे उसने उज्जैन में होने की बात कही। लेकिन लोकेशन मांगने पर वह राहतगढ़ के पास निकला। रोहित ने बताया कि वह राहतगढ़ के पास खड़ा था। तभी 2-3 लोगों ने उस पर हमला कर दिया। परिवार ने रोहित के दोस्त मोनू ठाकुर पर आरोप लगाए हैं। पुलिस के अनुसार मोनू आपराधिक प्रवृत्ति का है और एक मामले में फरार चल रहा था। कोतवाली टीआई मनीष कुमार ने बताया कि घायल रोहित ने अज्ञात लोगों पर हमले का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मोनू ठाकुर से पूछताछ की जाएगी। इससे पहले परिवार ने रोहित के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।


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