डेंगू से डॉक्टर की मौत के बाद हाईकोर्ट सख्त, जनहित याचिका पर सुनवाई, सरकार से मांगी रिपोर्ट, पूछा रोकथाम के लिए अब तक क्या किया

 

जबलपुर। रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर गोपाल पोल की डेंगू से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम ने डेंगू से रोकथाम की तैयारी भी की। जबलपुर निवासी सौरभ शर्मा, विजय बजाज व नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से मध्यप्रदेश में जनहित याचिका दायर की गई। जिस पर एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि डेंगू और अन्य बीमारियों से बचने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं।

                              सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य शासन व नगरीय निकाय को फे्रश स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि डेंगू, चिकनगुनिया व अन्य वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच व अन्य लोगों की ओर से दायर की गई जनहित याचिका पर याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि शहर का सीवेज सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है, पिछले 17 सालों में भी सीवेज सिस्टम पूरा नहीं हुआ, जिसके चलते हर साल खास तौर पर बारिश के समय डेंगू, चिकनगुनिया व अन्य बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ता है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ते है। सीनियर एडव्होकेट आदित्य संघी ने हाईकोर्ट को बताया गया कि प्रदेश में डेंगू, चिकनगुनिया फैल रहा है। हर दिन अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही हैं। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि नगर निगम व अन्य नगरीय निकाय द्वारा आवश्यक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। प्रदेश में कहीं भी फॉगिंग मशीनों का सही उपयोग नहीं हो रहा हैए यदि उचित कीटनाशक के साथ फागिंग मशीनों का उपयोग किया जाए और स्वच्छता बनाए रखी जाए तो डेंगू वायरस को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। वहीं सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि पूर्व निर्देश के पालन में 2024 में रिपोर्ट पेश की गई थीए उसमें कहा गया था कि एंटी डेंगू दवा और और दवा के छिड़काव के लिए टेंडर आवंटित कर दिए गए हैं।


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