खबर है कि मलखेड़ी गांव में रात 12.30 बजे खेत के कुएं में बाघ गिर गया। बाघ ने गिरते ही शोर मचाना शुरु कर दिया। शोर सुनकर ग्रामीणों ने वन अधिकारियों को खबर दी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने टीम के साथ बिना पिंजरे के बाघ को निकालने की योजना बनाई। सुरक्षित दूरी सुनिश्चित करते हुए चारपाई को रस्सियों से धीरे-धीरे ऊपर खींचा गया। बाघ ने चारपाई का सहारा लेकर छलांग लगाई और रात 3 बजे जंगल की ओर भाग गया। डिप्टी डायरेक्टर अमिता केबी ने बताया कि बाघ सुरक्षित है और उसकी निगरानी के लिए हाथी गश्ती दल तैनात है। यह अभियान सुबह 4 बजे तक चला। रेस्क्यू के बाद टीम ने आसपास के गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों को सुबह जल्दी घर से न निकलने और वन विभाग की सूचना का इंतजार करने की सलाह दी। वर्तमान में हाथी गश्ती दल बाघ की निगरानी कर रहा है। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। गांव में मुनादी के माध्यम से लोगों को सावधान रहने की सूचना दी जा रही है। फील्ड डायरेक्टर रविन्द्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि सूचना मिलने पर कान्हा की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। बाघ के रेस्क्यू के लिए कुएं में खाट डाली गई। इस खाट के सहारे बाघ छलांग लगाकर कुएं से बाहर आ गया।
मंडला। एमपी के मंडला स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व की टीम ने एक बाघ को कुएं से सुरक्षित निकाला, बाहर आते ही बाघ कूदकर जंगल में भाग गया। खापा रेंज के बफर जोन के मालखेड़ी गांव से रात करीब 1 बजे बाघ के कुएं में गिरने की सूचना मिली थी।
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