पाकिस्तान पूरी तरह मटियामेट होने से बाल-बाल बचा, न्यूक्लियर फैसिलिटी के पास गिरी अपनी ही मिसाइल, मची अफरातफरी

 
कराची.
पाकिस्तान की सेना द्वारा शाहीन-3 बैलिस्टिक मिसाइल का किया गया परीक्षण बुरी तरह असफल रहा। मिसाइल निशाने से भटक गई और पंजाब प्रांत के डेरा गाजी खान स्थित एक परमाणु केंद्र के पास धमाका हुआ। इसके बाद मिसाइल का मलबा बलूचिस्तान के डेरा बुगटी जिले के मट्ट क्षेत्र में आकर गिरा, जो नागरिक बस्तियों से महज 500 मीटर की दूरी पर है। इस घटना से स्थानीय लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

सूत्रों के अनुसार, मलबा लूप सेहरानी लेवी स्टेशन के पास ग्रेपन रवाइन में गिरा, जिससे तेज़ धमाका हुआ। घटनास्थल के पास बड़ी संख्या में लोग रहते हैं, जिससे बड़ी मानवीय त्रासदी हो सकती थी। इस दुर्घटना के बाद पाकिस्तानी सेना ने पूरे क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद कर दी, मीडिया की पहुंच रोक दी और लोगों को घरों में रहने का आदेश जारी किया।

शाहीन-3 क्या है?

शाहीन-3 पाकिस्तान की सबसे उन्नत सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता लगभग 2750 किलोमीटर तक है। इस रेंज में भारत के कई प्रमुख शहर – जैसे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु – आते हैं। 22 जुलाई को डेरा गाजी खान के राखी क्षेत्र से इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यह निर्धारित मार्ग से भटक गई।

सुरक्षा और पारदर्शिता पर सवाल

यह घटना न सिर्फ पाकिस्तान की सैन्य तकनीकी क्षमता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि बलूचिस्तान के आम नागरिकों की सुरक्षा के प्रति उसकी गंभीरता पर भी संदेह जताती है। स्थानीय लोगों और मानवाधिकार संगठनों ने सेना की गोपनीयता और सूचनाओं को दबाने की प्रवृत्ति की आलोचना की है। फिलहाल पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय ने इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है।

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