हाईटेंशन के नीचे मकान...कभी भी खतरे में आ सकती है जान


- हादसों ने बढ़ाई ट्रांसको की चिंता

- जिला प्रशासन के साथ मिलकर अभियान चलाने की तैयारी 

- 600 से ज्यादा नोटिस जारी

जबलपुर। बिजली के हाईटेंशन तारों के नीचे शहर में कई कॉलोनियां काटी जा रही हैं। बिल्डर प्लॉट बेंच रहे हैं और लोग खरीद भी रहे हैं। हाईटेंशन लाइन के नीचे मकान बनाना कितना बड़ा जोखिम है,ये तब पता चलता है,जब कोई हादसा हो जाता है। कई  क्षेत्रों में सैकड़ों मकान हाईटेंशन के नीचे बने हुए हैं। मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी(ट्रांसको) ने लगातार नोटिस देकर लोगों को चेताया है,लेकिन इसके आगे कुछ नहीं हो सका।

तीन साल में 600 नोटिस

ट्रांसको ने हाईटेंशन व एक्स्ट्रा हाईटेंशन ट्रांमिशन लाइनों के नीचे बने मकानों को लेकर कार्रवाई करते हुए बीते तीन सालों में छ:सौ से ज्यादा नोटिस जारी किए हैं। जिनमें पोलीपाथर, न्यू शास्त्री नगर, शास्त्री नगर, धनवंतरी नगर, जसूजा सिटी, करमेता, शंकर नगर, अधारताल, कंचनपुर और घमापुर जैसे क्षेत्रों के मकान शामिल हैं।  यह स्थिति न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकती है। ये नोटिस वर्ष 2022, 2023 व 2024 में नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं, 2025 में भी लगातार नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

नगर निगम अनुमति क्यों देता है?

ट्रांसको के अधिकारी कहते हैं कि मकान निर्माण या कॉलोनी डेवलप करने की अनुमतियां देने से पहले नगर निगम को ये देखना चाहिए कि हाईटेंशन लाइन की क्या स्थिति है। कई कॉलोनियां शहर में ऐसी भी आबाद हैं,जहां हाईटेंशन लाइन प्लॉट के ऊपर से गुजर रही है,लेकिन फिर भी बिल्डर को एनओसी दे दी गयी है।

प्लॉट बेंचने बिल्डर बोल रहे झूठ

जनता को प्लॉट बेंचने के लिए बिल्डरों द्वारा झूठ बोला जा रहा है कि  हाईटेंशन लाइन जल्द ही शिफ्ट कर दी जाएगी या फिर उसे निष्क्रिय (लाइन डेड) घोषित कर दिया जाएगा। जांच की जाए तो शहर के नामी-गिरामी बिल्डर ये जानलेवा खेल  खेल रहे हैं,लेकिन उन पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। हाईटेंशन लाइन के नीचे प्लॉट खरीदने वाले खरीदार अब जिला प्रशासन और नगर निगम के चक्कर काट रहे हंै,लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल सकी है।

हादसे, जो डराते हैं

हाईटेंशन लाइन के नीचे निर्माण के दौरान कई हादसे ऐसे हो चुके हैं,जो बेहद डराने वाले हैं। हाल ही 132 केवी विनोबा भावे-व्हीकल फैक्ट्री लाइन के नीचे निर्माण कार्य कर रहे मिस्त्री शेख इशाक गंभीर रूप से घायल हुआ था। जसूजा सिटी में एक हाईवा वाहन रेत खाली करते समय ट्रांसमिशन लाइन से टकरा गया, जिससे वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हाईवा में कोई बैठा होता तो वो जलकर खाक हो गया होता।

नियम तो हैं,लेकिन पालन नहीं

-सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के विद्युत सुरक्षा सम्बंधी उपाय विनियम 2023 के अनुसार एवं इंडियन इलैक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के प्रावधानों के तहत 132 केवी टावर के 27 मीटर के दायरे में निर्माण गतिविधियां नहीं की जा सकतीं। टॉवर के केंद्र बिंदु से साढ़े 13 मीटर दोनों तरफ से ये दूरी नापी जाती है।  132 केवी टॉवर में कम से कम 6.1मीटर का वर्टिकल क्लीयरेंस होना चाहिए एवं 220 केव्ही के लिए यह न्यूनतम 7 मीटर तय है।

- हाईटेंशन लाइन के नीचे मकान होना बेहद गंभीर है। लोग अंजाने में मकान बना लेते हैं,लेकिन बिल्डर को इस जोखिम को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हमने नोटिस जारी किए हैं और लोगों को जागरूक भी कर रहे। जिला प्रशासन के साथ संयुक्त अभियान भी चलाया जाएगा।

संदीप गायकवाड़, मुख्य अभियंता, ट्रांसको

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