रेलवे बोर्ड का बड़ा निर्णय, क्यू आर कोड वाले आईकार्ड के बिना अवैध माने जाएंगे रेलवे स्टेशन व ट्रेनों में वेंडर और दुकानदार

नई दिल्ली. रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में खानपान की गुणवत्ता पर निगरानी बढ़ाने तथा अवैध वेंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे बोर्ड ने वेंडरों व दुकानदारों की पहचान प्रमाणिक करने का निर्णय लिया है।

बोर्ड के कार्यकारी निदेशक विक्रम सिंह ने 17 जुलाई को सभी जोनल महाप्रबंधकों को उनके क्षेत्र में आने वाले स्टेशनों और ट्रेंनों में कार्यरत रेलवे व आइआरसीटीसी के अधिकृत विक्रेताओं, वेंडरों, सहायकों, लाइसेंसधारकों व उनके कर्मचारियों के लिए स्टेंडर्डाइज्ड आईकार्ड (मानकीकृत पहचान पत्र) जारी करने का निर्देश दिया है।

क्यूआर स्कैन करते ही आयेगी पूरी जानकारी

क्यूआर कोड वाले पहचान पत्र को स्कैन करते ही वेंडर का नाम, आधार संख्या, चिकित्सकीय फिटनेस प्रमाणपत्र, पुलिस सत्यापन तिथि एवं वैधता, तैनाती इकाई तथा लाइसेंसधारक का नाम सामने आ जाएगा। ऐसे में अब कोई भी विक्रेता रेलवे स्टेशन या ट्रेन में बिना आईकार्ड के खानपान की सामग्री नहीं बेच सकेगा। इस व्यवस्था के लागू होने से स्टेशन और ट्रेन में बिकने वाली सभी खाद्य सामग्री के गुणवत्ता की जिम्मेदारी सीधे तौर पर तय हो सकेगी। वर्तमान में किसी भी वेंडर या दुकानदार को रेलवे द्वारा अधिकृत आईकार्ड जारी नहीं होता है।

नई व्यवस्था के अंतर्गत अधिकृत विक्रेताओं, वेंडरों, सहायकों, लाइसेंसधारकों व उनके कर्मचारियों का मानकीकृत पहचान पत्र संबंधित स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन प्रबंधक या इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) के अधिकृत अधिकारी के अधिकृत हस्ताक्षर से जारी किए जाएंगे।

विक्रेताओं, वेंडरों, सहायकों व लाइसेंसधारकों के स्वीकृत पदों की संख्या के अनुसार विधिवत प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही मानकीकृत पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। मानकीकृत पहचान पत्र के बिना कोई भी विक्रेता रेलवे स्टेशन पर खानपान की सामग्री नहीं बेच सकेगा। यदि कोई विक्रेता या सहायक नौकरी छोड़ता है, तो संबंधित लाइसेंसधारक को पहचान पत्र सौंपना होगा। सभी लाइसेंसधारक कर्मचारियों, विक्रेताओं और सहायकों का रिकार्ड तैनाती वाले स्टेशन के निर्धारित रजिस्टर में दर्ज होगा। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक ने अवैध वेंडिंग का हवाला देते हुए सभी क्षेत्रीय रेलवे और आइआरसीटीसी को इस दिशा-निर्देश का तत्काल प्रभाव से अनुपालन कराने के लिए निर्देशित कर दिया है। ताकि, रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में अधिकृत वेंडरों की पहचान सुनिश्चित की जा सके।


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