बच्ची की माने तो यह धागा उसके माता-पिता ने किसी बीमारी के इलाज हेतु बंधवाया था और इसे न काटने की सख्त हिदायत दी थी। पिछले दिन बच्ची ने जब मैडम पाटिल को यह बात समझाने की कोशिश की तो उन्होंने उसकी बात अनसुनी कर दी और कथित रूप से अमानवीय व्यवहार किया। परिजन घटना की जानकारी मिलते ही हॉस्टल से चौरई ब्लॉक के लिखड़ी गांव ले गए। वहां बच्ची ने परिवारजनों को पूरी घटना बताई। परिजनों के अनुसार बच्ची के हाथों पर जलने के स्पष्ट निशान हैं और इस घटना का गहरा मानसिक असर उस पर पड़ा है। वहीं दूसरी ओर महिला कर्मचारी आराधना पाटिल ने सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि बच्ची जानबूझकर झूठी कहानी बना रही है। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है, बच्ची एकतरफा आरोप लगा रही हैं। घटना से आक्रोशित लिखड़ी गांव के ग्रामीण और परिजन आज सीडब्ल्यूएसएम छात्रावास पहुंचे और मौन धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। फिलहाल बच्ची का इलाज ग्रामीण स्तर पर किया जा रहा है और परिजन मानसिक सलाह के लिए भी उसे विशेषज्ञों के पास ले जाने की तैयारी में हैं।
Tags
madhya-pradesh