बताया गया है कि ब्यामरा नदी में मगरमच्छ को लेकर गांव में लोगों के बीच दहशत व्याप्त रही। 11 जुलाई को मगरमच्छ ने एक महिला मालतीबाई पर हमला कर जान ले ली थी। इसके बाद वन विभाग आदमखोर मगरमच्छों को पकडऩे के लिए नदी के किनारे कईजगह पिंजरे लगाए थे। आज दोपहर में मगरमच्छ पिंजरे में रखा मुर्गा पकड़े आया और फंस गया। मगरमच्छ के पिंजरे में फंसने की खबर मिलते ही गांव के सैकड़ों लोग एकत्र हो गए। पिछले साल भी इसी गांव में नदी किनारे से एक 10 वर्षीय बच्चे को मगरमच्छ ने दबोच लिया थाए जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसके अलावा 15 जुलाई को तेंदूखेड़ा ब्लॉक के झलौन गांव में धान का रोपा लगा रही संतोषरानी को भी मगरमच्छ पानी में खींच ले गया था। उनके बेटे ने पानी में कूदकर अपनी मां की जान बचाई थी। गांव वालों का कहना है कि अभी भी दहशत है क्योंकि एक काला मगरमच्छ अभी भी है।