बताया गया है कि आज सुबह से शहर के गली मोहल्ले में सपेरे घूम-घूम कर लोगों को नागदेवता के दर्शन करा रहे थे। श्रद्धालुओं ने सांपों को दूध पिलाकर उनका पूजन अर्चन भी किया। सांपों को निर्दयतापूर्वक रखे सपेरों को पकडऩे के लिए डीएफओ ने टीम गठित की थींए जो बस स्टैंड.रेलवे स्टेशन के अलावा शहर में तैनात थीं। जिन्होने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण करते हुए सपेरों को पकड़कर करीब 35 सांपों को छुड़ाया। अधिकारियों का कहना है कि सांपों को बचाने व उनके साथ होने वाली क्रूरताको रोकने के लिए वन विभाग और पर्यावरण प्रेमी सपेरों को पकडऩे के लिए संयुक्त अभियान चला रहे हैं। सपेरे नागपंचमी पर सांपों को पकड़कर घर-घर ले जाते हैं और उनकी पूजा कराते हैं, जो सांपों के लिए हानिकारक है। क्योंकि सांपों को दूध पिलाना उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। गौरतलब है कि प्रति वर्ष परिक्षेत्र जबलपुर द्वारा कार्यवाही की जाती हैए जिसके फलस्वरूप लगातार सांपों के प्रदर्शन और रेस्क्यू में गिरावट आ रही। साल 2023 में लगभग 150 सांप रेस्क्यू किए थे। साल 2024 में लगभग 65 सांप और इस वर्ष अभी तक 35 सांप का रेस्क्यू किया है।
जबलपुर। वन विभाग की टीम उन सपेरो को पकडऩे निकली जो नागपंचमी पर शहर के गली-मोहल्ले में घूम-घूम कर श्रद्धालुओं को नाग देवता के दर्शन करा रहे थे। इस दौरान वन विभाग की टीमों ने संभावित क्षेत्रों में दबिश दी, टीम को देखते ही सपेरों में भगदड़ मच गई। अधिकारियों ने 12 सपेरों से 35 सांपों को छुड़ाकर पशु चिकित्सा महाविद्यालय पहुंचाया। पकड़े गए सांपों में अधिकतर कोबरा व धामन सांप थे।