नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आज केंद्र व विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विपक्षी सांसदों ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर चर्चा की मांग की। दिन भर की कार्यवाही में तीखी नारेबाजी और बहस देखने को मिली। निचले सदन की कार्यवाही एक घंटे के भीतर दो बार स्थगित हुईए जबकि राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच तीखी बहस हुई।
लोकसभा मे राजनाथ सिंह और राज्यसभा में जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। वहींए लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सत्तारूढ़ पार्टी पर संसद में उन्हें बोलने नहीं देने का आरोप लगाया। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे न्यायाधीश यशवंत वर्मा को हटाने के प्रस्ताव से संबंधित नोटिस सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में दिए गए। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद समेत अन्य विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे न्यायाधीश यशवंत वर्मा को हटाने के प्रस्ताव से संबंधित नोटिस सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में दिए गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपे गए नोटिस पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधीए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसादए अनुराग ठाकुर समेत कुल 145 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं। निचले सदन में अनुच्छेद 124, 217 व 218 के तहत नोटिस दिए गए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि उन्हें नारेबाजी करनी है तो वे सदन से बाहर चले जाएं क्योंकि सदन के भीतर ऐसा करना उचित नहीं है। ओम बिरला ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की घटना ने पूरे विश्व की चेतना को आघात पहुंचाया है। बिरला ने यह भी कहा कि सदन आतंकवाद को लेकर भारत के जीरो टॉलरेंस (बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने) के संकल्प को भी दोहराता है।