फर्जी एसआई के दो सालों तक रहे जलवे, आईपीएस अफसरों संग फोटो खिंचाई, ऐसे पकड़ी गई मोना

 
जयपुर.
राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में एक ऐसी युवती ने दो साल तक वर्दी में रहकर पुलिस का रौब झाड़ा, जो असल में पुलिसकर्मी थी ही नहीं! नागौर की मोना बुगालिया उर्फ मूली देवी न सिर्फ वर्दी पहनकर ट्रेनिंग करती रही, बल्कि आईपीएस-आरपीएस अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान को मजबूत भी करती रही। गुरुवार को जयपुर के शास्त्री नगर थाने की पुलिस ने मोना को सीकर से गिरफ्तार कर लिया। वह दो साल से फरार थी और खुद को कोचिंग स्टूडेंट बताकर किराए पर रह रही थी। ्र

ऐसे रचती रही एसआई की कहानी 

शास्त्री नगर थानाधिकारी महेन्द्र यादव के मुताबिक, मोना ने 2021 में एसआई की भर्ती परीक्षा दी थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई। इसके बावजूद उसने सोशल मीडिया पर खुद को चयनित घोषित कर दिया और सीधे आरपीए में एसआई बैच-48 के साथ ट्रेनिंग जॉइन कर ली। आरपीए में वह नियमित रूप से आती-जाती रही, वर्दी पहनती रही, टेनिस कोर्ट में पुलिस अधिकारियों के साथ खेलती रही और किसी को शक भी नहीं हुआ। इतना ही नहीं, वह वॉट्सऐप कॉल के जरिए लोगों को धमकाने का काम भी करने लगी थी। एक सहकर्मी को धमकी दिए जाने के बाद मामला आरपीए  तक पहुंचा और जांच में उसकी पोल खुल गई। 

सीकर में कोचिंग स्टूडेंट बनकर रह रही थी

2023 में केस दर्ज होते ही मोना भूमिगत हो गई थी। शास्त्री नगर पुलिस ने पहले ही उसके किराए के मकान से पुलिस वर्दी, बेल्ट, आईडी कार्ड और इंटरनल एग्जाम पेपर बरामद कर लिए थे। अब मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने सीकर में दबिश दी, जहां मोना खुद को कोचिंग छात्रा बताकर रह रही थी। उसे रात करीब 9 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। 

आरपीए के अंदर कैसे ली ट्रेनिंग? अफसरों संग खिंचवाई तस्वीरें भी बनी ढाल

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि मोना आरपीए में खेल कोटे से आए बैच के साथ ट्रेनिंग लेती रही। वह हमेशा वीआईपी गेट से प्रवेश करती थी, ताकि पहचान पत्र की जांच से बच सके। मोना ने पुलिस के साथ इतनी नजदीकी बना ली थी कि वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तस्वीरें खिंचवाकर सोशल मीडिया पर ऑथेंटिक छवि भी बना ली। इससे कई लोगों को धोखा हुआ और किसी को शक नहीं हुआ कि वह फर्जी है। 

क्या कोई अंदर से कर रहा था मदद? 

इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि मोना को आरपीए में दो साल तक ट्रेनिंग करने से किसने नहीं रोका? क्या किसी कर्मचारी या अधिकारी ने अनदेखी की या मदद की? शास्त्री नगर पुलिस इस पूरे मामले में अब यह जांच कर रही है कि मोना को अंदर तक पहुंच किसने दिलाई और क्या यह कोई बड़ा जाल था।

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