पूर्व निगमायुक्त और वर्तमान कलेक्टर ने दिए आदेश
मालिकों पर होगी कार्रवाई, गांव के कोटवार तक को जवाबदारी
जबलपुर/सागर। शहर में निगमायुक्त रहते हुए जिस काम को अंजाम देने के लिए कमर कसी थी, वो कम समय के दौरान पूरा नहीं किया जा सका। अब सागर में कलेक्टर की गद्दी संभालते ही संदीप जीआर ने हाइवे सहित शहर की प्रमुख सड़कों पर अनावश्यक रूप से घूम रहे मवेशियों को हटाने की शुरूआत कर दी है। इसमें बड़े अधिकारियों सहित गांव के कोटवार तक को शामिल किया है ताकि दुर्घटनाएं न हों। इन्होनें ' खबर अभी तक ' से बातचीत में कहा कि यह मिशन हर हाल में पूरा किया जाएगा, ताकि असमय होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
बुंदेलखंड में चाहे नेशनल हाइवे हो, स्टेट हाइवे या फिर जिला सड़कें। इन सड़कों पर गौवंश का कब्जा आम बात हो गई है। इन हालातों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। कई बार पशुहानि और जनहानि भी हो रही हैं। ऐसे हालात में सागर कलेक्टर संदीप जीआर ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले से गुजरने वाली चार मुख्य सड़कों को पालतू व आवारा पशुओं से मुक्त कराने पहल की है।
इस प्रोजेक्ट के तहत पशु मालिक पर जुर्माने की कार्रवाई होगी। आवारा पशुओं को शासकीय गौ शालाओं में भेजा जाएगा। इन चार सड़कों में सागर-भोपाल रोड में सागर से बागरौद चौराहा तक, नेशनल 44 में महाराजपुर से मालथौन तक की फोरलेन, सागर से छतरपुर रोड और सागर से जबलपुर रोड शामिल हैं।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत चार सड़कों के चयन के बाद संबंधित एसडीएम, जनपद सीईओ, नगरीय निकाय के सीएमओ और एनएचएआई, पीडब्लूडी और अन्य विभागों को काम करने कहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत सड़कों से लगी ग्राम पंचायतें, कोटवार, सचिव, सहायक सचिव, पटवारी, संबंधित अधिकारी आवारा पशु सड़क पर न आएं, इसकी मॉनीटरिग करके कार्रवाई करेंगे।
गौरतलब है कि शहर में निगमायुक्त की भूमिका में रहे संदीप जीआर को सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों की बेहतर जानकारी हो गई थी। इसमें हाइवे सहित शहर की प्रमुख सड़कें शामिल थी। इस समस्या को हल करने के लिए किए गए प्रयासों को योजनाबद्ध तरीके से प्रशासनिक अमले के साथ निपटाने के लिए कदम बढ़ाया गया है।