जबलपुर। यादव कालोनी निवासी रिटायर्ड दम्पत्ति को सायबर ठगों ने मनी लॉडिं्रग व गिरफ्तारी का डर दिखाकर 59 लाख रुपए हड़प लिए। ठगों ने स्वयं को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए कहा कि आपके नाम से फर्जी एटीएम बनाकर करोड़ों रुपए का लेनदेन किया जा रहा है। जल्द ही पुलिस आपके घर पहुंचने वाली है। धमकी से घबराए दम्पत्ति ने अपनी सेवानिवृति की पूरी राशि ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दी। इस मामले में सायबर पुलिस की टीम ने दोनों ठगों को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है। जो देशभर में डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर लोगों को लूटते रहे।
सायबर पुलिस अधिकारियों के अनुसार यादव कालोनी चंद्रकेश शर्मा व्हीकल फैक्टरी से असिस्टेंट वर्क मैनेजर के पद से रिटायर हुए है। 10 जनवरी को चंद्रकेश शर्मा की पत्नी शशि शर्मा के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ठग ने कहा कि उनके नाम व सिम का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है। साथ ही बताया कि एक व्यक्ति नरेश गोयल ने उनके नाम से फर्जी आधार व एटीएम कार्ड बनवाकर करोड़ों रुपए का लेनदेन किया है। ठगों ने स्वयं को दिल्ली क्राइम ब्रांच व नेशनल सिक्योरिटी लॉ से जुड़ा अधिकारी बताते हुए कहा कि दो घंटे में उनका सिम बंद हो जाएगा और पुलिस आपको घर पहुंचकर गिरफ्तार कर लेगी। कॉल सुनकर घबराई शशि शर्मा ने अपने पति को पूरी बात बताई। दम्पति ने किसी को कुछ बताए बिना ही कॉलर के कहने पर उस दिन कॉल सुनकर महिला घबरा गईं और पूरी बात अपने पति को बताई। पति-पत्नी ने किसी को कुछ बताए बिना कॉलर के कहने पर उसी दिन एसबीआई कमला नेहरू नगर शाखा में जाकर 2 लाख रुपए का पहला ट्रांजैक्शन कर दिया। इसके बाद लगातार वॉट्सऐप कॉल के माध्यम ठग संपर्क में रहा। हर दो घंटे में रिपोर्ट करने के लिए कहता रहा। ठगों ने भरोसा दिलाया कि जांच के बाद पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा। इस झांसे में आकर दंपत्ति ने 10 से 20 जनवरी के बीच कुल 59 लाख 65 हजार रुपए तीन किस्तों में अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए।
59 लाख 65 हजार रुपए ट्रांसफर होते ही कॉल बंद, बेटी को बताया-
पुलिस अधिकारियों की माने तो 20 जनवरी के बाद कॉल आना बंद हो गया, तब दंपत्ति ने बैंगलुरु में रहने वाली अपनी बेटी को पूरी बात बताई। बेटी ने समझाया कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं। 22 जनवरी को दंपत्ति साइबर थाना पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई।
साइबर टीम ने जयपुर से दो आरोपी पकड़े-
दम्पति की रिपोर्ट के बाद साइबर थाना प्रभारी अरविंद आर्मों व क्राइम ब्रांच प्रभारी शैलेष मिश्रा के नेतृत्व में टीम गठित की गई। मोबाइल नंबर व बैंक खातों की ट्रैकिंग की गई तो पता चला कि ठग राजस्थान के जयपुर में हैं। टीम ने जयपुर जाकर मुकेश चौधरी व दीपक कुमावत को गिरफ्तार किया। दोनों पोस्ट ग्रेजुएट हैं और गिरोह बनाकर ठगी करते थे। इनके पास से दो मोबाइल, एक चेकबुक, एक एटीएम कार्ड व 11500 नकद बरामद किए गए।
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस-
पुलिस अधिकारियों की माने तो आरोपियों का गिरोह देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को फोन कर डर ठगी करता है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी हैए गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश की जा रही है।