हाथी पर सवार मनमहेश स्वरूप-
उज्जैन में भगवान महाकाल की सवारी निकाली जा रही है। चंद्रमौलेश्वर स्वरूप को पालकी में विराजित किया है। हाथी पर मनमहेश सवार है। गरुड रथ पर शिव तांडव प्रतिमा को विराजित किया गया है।
उज्जैन में कलेक्टर.प्रशासक कर रहे क्राउड मैनेजमेंट-
उज्जैन में दोपहर एक बजे तक करीब 3 लाख श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कर चुके हैं। शाम तक ये संख्या 5 लाख के पार होने की संभावना है। कलेक्टर रोशन सिंहए मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक महाकाल मंदिर के कंट्रोल रूम से क्राउड मैनजेमेंट कर रहे हैं।
ऐसे तैयार होता है महाकाल का लड्डू प्रसाद-
महाकाल मंदिर में लड्डू प्रसाद बनाने के लिए जरूरी सामग्री टेंडर प्रक्रिया से खरीदी जाती है। इसमें देसी घी, चने की दाल, रवा व ड्रायफ्रूट शामिल होते हैं। हर सामान की गुणवत्ता जांची जाती है। यह जांच खाद्य विभाग की टीम करती है। अगर कोई सामग्री खराब या मानक से कम होती है तो उसे तुरंत लौटा दिया जाता है।
बाबा ओंकार को मेवा प्रसादी का भोग-
वहीं खंडवा में भगवान ओंकारेश्वर का नर्मदा जल से अभिषेक किया गया। विशेष श्रृंगार के बाद गुलाब के फूलए बिल्व पत्र चढ़ाए गए। मंगला आरती के दौरान बाबा ओंकार को मेवा प्रसादी का भोग लगाया।
रायसेन में नागेश्वर स्वरुप में सजाया गया-
रायसेन में भोजेश्वर महादेव को 5 क्विंटल फूल, धतूरे, बिल्व पत्र व आम के पत्तों के साथ नागेश्वर स्वरूप में सजाया गया है। टीकमगढ़ के शिव धाम, कुंडेश्वर में सवा किलो भांग से शिव का आकर्षक श्रृंगार होगा। शाम 7 बजे महा आरती होगी। सीहोर के कुबरेश्वर महादेव के दर्शन के लिए लोग बारिश में भीगते पहुंच रहे हैं।
अकोदिया में महिलाओं ने बर्फ से बनाए शिवलिंग-
अकोदिया के दामोदर धाम मंदिर में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को महिलाओं द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई। मंदिर के पुजारी विष्णु प्रसाद शर्मा ने बताया कि इस माह में कुल पांच अभिषेक होंगे, जिनमें से चार अभिषेक पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर 100 से अधिक महिलाओं ने अपने घर से बर्फ जमाकर छोटे-छोटे शिवलिंग बनाए। एक बड़ा शिवलिंग भी बर्फ से बनाया गया। बाबा अमरनाथ की तरह बर्फ के ज्योतिर्लिंग की पूजा की गई।
मंदसौर में पशुपतिनाथ नगर भम्रण पर निकले-
मंदसौर में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को भगवान पशुपतिनाथ शाही पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले। सारी में झांकियां, नासिक के ढोल, डमरू पार्टी उज्जैन, तोप कड़ा बिन, रथ, अखाड़ा, कालका माता की झांकी, राधा कृष्ण का रास व युवतियों का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। इसमें हजारों भक्त शामिल हो रहे हैं।
गढ़कैलाश महादेव को पहनाई 21 हजार रुद्राक्ष की माला-
रतलाम में सावन के तीसरे सोमवार पर शिवमंदिरों में पूजा-अर्चना की जा रही है। शहर के अमृत सागर तालाब किनारे बने अति प्राचीन श्री गढ़कैलाश महादेव मंदिर में शिव का 2 किलो भांग और 7 किलो ड्रायफ्रूट्स से आकर्षक श्रृंगार किया गया है। 21 हजार रुद्राक्ष की माला पहनाई गई है।
डिंडौरी में ऋण मुक्तेश्वर को चढ़ाया कांवड़ जल-
सावन के तीसरे सोमवार पर डिंडौरी में भक्त कांवड़ लेकर भोले का अभिषेक करने पहुंचे। नर्मदा तट से जल भरकर कांवडि़ 15 किलोमीटर पैदल चले। कुकर्रा मठ में ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर शिव को चढ़ाया।
रायसेन में कावड़ यात्राए सोमेश्वर का अभिषेक-
रायसेन में सोमेश्वर धाम समिति द्वारा शहर के पाटनदेव हनुमान मंदिर से कांवड़ यात्रा निकाली गई। यह सागर तिराहा होते हुए किला परिसर में विराजे भगवान सोमेश्वर धाम पहुंचेगी। यहां भक्तों द्वारा मां नर्मदा के जल से भगवान शंकर का अभिषेक किया जाएगा।
भोले की भक्ति में डूबे अशोक नगर के शिवालय
अशोक नगर के राजराजेश्वरए हजारेश्वर समेत दूसरे शिवालय भी भोले की भक्ति में डूबे हैं। भक्त दूध और जल से भोलेनाथ का अभिषेक कर रहे हैं। बिल्व पत्रए धतूराए आक के फूल चढ़ाकर शिव की आराधना की जा रही है।
शाजापुर के शिव मंदिरों में भजन-कीर्तन
सावन के तीसरे सोमवार पर शाजापुर के शिव मंदिरों में भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मंगलनाथए ओंकारेश्वरए सोमनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिरों में जलाभिषेक और पूजन.अर्चन किया जा रहा है। ओंकारेश्वर मंदिर में महिला भक्तों ने भजन.कीर्तन किया। पुजारी संजय ने बताया कि यहां के शिवलिंग का स्वरूप ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जैसा ही है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना से प्रसन्न होकर महादेव मनोकामना पूरी करते हैं।