बेडिय़ों में जकड़कर कावड़ यात्रा पर निकला युवक, 35 किमी की है यात्रा, बोला भोलेनाथ को जल चढ़ाने के बाद ही हटेगी

 

जबलपुर। एमपी की सबसे संस्कार कावड़ यात्रा में शामिल न होने से व्यथित युवक माछलय कोरी स्वयं को बेडिय़ों में बांधकर कावड़ यात्रा पर निकल पड़े। सावन के तीसरे सोमवार को माछलय नर्मदा के गौरीघाट से कैलाशधाम तक करीब 35 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरु कर दी। उन्होने संकल्प लिया है कि जब तक भोलेनाथ को नर्मदा जल अर्पित नहीं कर देते तब तक बेडिय़ां नहीं हटाएगें।  
बताया गया है कि आगा चौक निवासी माछलय कोरी उम्र 25 वर्ष सुबह 7 बजे अपने चार दोस्तों के साथ गौरीघाट पहुंचे। नर्मदा नदी में स्नान व पूजन के बाद उन्होंने पीतल के दो कमंडल में नर्मदा जल भरा और पैरों और हाथों में लोहे की जंजीरें बांधकर पैदल यात्रा शुरू कर दी। जिसने भी माछलय को देखा तो हतप्रभ रह गया। कूद-कूद कर चल रहे माछलय का कहना था कि इस यात्रा को पूरा करने में 24 से 30 घंटे तक लग सकते हैं।

माछलय साइकल से भी कर चुके है लम्बी यात्राएं-

माछलय पहले भी साइकिल से लंबी यात्राएं कर चुके हैं, लेकिन इस बार कुछ अलग करने की ठानी है। उनका कहना है देश में जिस तरह द्वेष व नफरत का माहौल बढ़ रहा है, उसे रोकने के लिए हमें सनातन संस्कृति की भावना को जन-जन तक पहुंचाना होगा। इसी उद्देश्य से मैंने जंजीर पहनकर यात्रा का संकल्प लिया है। 

कहा, बोले. भोलेनाथ ही मेरी शक्ति है, चार दोस्तों की टीम दे रही मदद- 

बेडिय़ों में जकड़कर यात्रा पर निकले माछलय के साथ चार दोस्त भी हैं, जो हर मोड़ पर उनका साथ दे रहे हैं। बेडिय़ों में चलते हुए उन्हें कई बार थकान होती है लेकिन उनका हौसला अडिग है। उनका कहना है कि यह यात्रा सिर्फ एक भक्ति नहीं, बल्कि एक संदेश है कि जब संकल्प पवित्र हो, तो हर कठिन राह आसान लगती है।


Post a Comment

Previous Post Next Post