रेलवे में नौकरी का ऑफर, फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपा, ठगे 19 लाख, हड़प ली कार


रायपुर।
रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी करने वाले पिता-पुत्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने महिला सहित तीन बेरोजगारों से 18 लाख 72 हजार रुपये की ठगी की। इनका ठगी का कारनामा यहीं तक सीमित नहीं रहा, जहां जालसाजों ने रेलवे में कार किराये से लगाने के नाम पर हड़प ली। पुलिस ने बताया कि चेतना साहू, कुणाल साहू और शुभांशु जुमड़े ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि रुपेश साहू और उसके पिता चैत राम साहू ने रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर पैसा हड़पा है और उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिया। 

2023 से चल रहा खेल

जांच में सामने आया कि वर्ष 2023 में चेतना साहू की मुलाकात देवपुरी में अपने मामा के घर रहने के दौरान आरोपी रूपेश से हुई थी। रूपेश ने खुद को रेलवे का अधिकारी बताया था। आरोपी ने महिला को भरोसे में लेकर कहा कि वह रेलवे में उसकी और उसके परिजनों की नौकरी लगवा देगा। इसके बाद पीड़िता ने अपने पति और भाई के नाम से भी दस्तावेज और रकम सौंप दी।

थमाया फर्जी जॉइनिंग लेटर

रुपेश साहू और उसके पिता ने पीड़िता और अन्य लोगों से रेलवे की भर्ती प्रक्रिया के नाम पर कुल 14 लाख 37 हजार 63 रुपये नगद और आनलाइन माध्यम से लिए। जिला अस्पताल पंडरी से फर्जी मेडिकल भी कराया और रेल मंत्रालय की मुहर व लोगो वाला फर्जी जाइनिंग लेटर थमाया गया। बाद में पत्राचार में स्पष्ट हुआ कि रेलवे ने ऐसा कोई नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया।

भोपाल-गुजरात में झूठी ट्रेनिंग 

रुपेश साहू ने सभी पीड़ितों को जुलाई 2024 में भोपाल और फिर अक्टूबर में गुजरात के बड़ोदरा ले जाकर ट्रेनिंग की बात कही। वहां, नकदी 2 लाख 20 हजार रुपये लिए। ट्रेनिंग सेंटर के बाहर बिठाकर आरोपी यह कहकर निकल गया कि बैच फुल हो गया है, अगले बार बुलाया जाएगा।

धमकी और दबाव बनाया

जब पीड़ितों ने रुपये वापस मांगे तो चैत राम साहू ने अपने गांव मनोहरपुर, लोरमी बुलाकर समझौते का बहाना किया। वहां उनके परिजन, जिनमें से एक ने खुद को बिलासपुर हाईकोर्ट का वकील बताया। पीड़ितों को धमकाने लगे और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी।

पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट पर थाना पुरानी बस्ती में अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल आरोपियों के पता तलाश हेतु टीम बनाकर रवाना किया गया। इसके बाद आरोपियों को पकड़कर थाने लाकर कड़ाई से पूछताछ करने पर उन्होंने जुर्म करना स्वीकार किया। 

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