जबलपुर। एमपी के जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, मंडला, श्योपुर, सिवनी, उमरिया, छतरपुर सहित कई जिलों में एक सप्ताह से लगातार बारिश हो रही है। इस कारण इन जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। आज भी श्योपुर के शहरी क्षेत्र व गांव पानी से घिरे रहे। घर-दुकान से लेकर अस्पताल तक में पानी भर गया। वहीं नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर रही। आज प्रदेश के 17 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी है।
मौसम विशेषज्ञों की माने तो मध्यप्रदेश में 16 जून को मानसून ने एंट्री लेते ही जमकर पानी बरसाया। जिसके चलते समय से पहले ही कोर्ट से आधी यानी 18 इंच बारिश हो चुकी है। निवाड़ी में तो 103 प्रतिशत तक पानी गिर चुका है। वही मंडला, टीकमगढ़ में भी बारिश का कोटा 75 प्रतिशत तक पहुंच गया। अगले 4 दिन यानी 19 जुलाई तक तेज बारिश का दौर चलेगा। बीते दिन मंडला में 9 घंटे में 2 इंच बारिश हो गई, इसी तरह खरगोन में भी डेढ़ इंच पानी गिरा, उमरिया व टीकमगढ़ में भी आधा इंच बारिश रिकार्ड की गई। मौसम विभाग की माने तो जबलपुर, भोपाल, दतिया, गुना, ग्वालियर, इंदौर, रतलाम, श्योपुर, शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, खजुराहो, सागर, सिवनी, सीधी, बालाघाट, सीहोर, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, राजगढ़, विदिशा सहित कई जिलों में भी बारिश का दौर जारी रहा। शिवपुरी जिले में अटल सागर मड़ीखेड़ा बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। इसी के चलते सुबह साढ़े 6 बजे बांध के 6 गेट खोल दिए गए। करीब 1500 क्यूमेक पानी छोड़ा गया है। श्योपुर जिले के विजयपुर में क्वारी नदी का जलस्तर बढऩे से आगरा जाने वाला रास्ता बंद हो गया। वहीं बड़ौदा में बाढ़ जैसे हालात रहे। यहां दुकानों-मकानों के अलावा अस्पताल में भी पानी भर गया। शिवपुरी जिले के रन्नौद क्षेत्र में भी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। यहां कई लोगों के घरों में पानी भर गया। टीकमगढ़ में मकान गिर गया। इससे 3 भैंसों की मौत हो गई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मध्यप्रदेश से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है। वहीं लो कम दबाव का क्षेत्र भी एक्टिव है। जिसके चलते बारिश का दौर चल रहा है। अगले 4 दिन तक तेज बारिश होने की संभावना है।