आगरा. जगदीशपुरा क्षेत्र के बोदला इलाके में एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां पड़ोस में रहने वाले एक किशोर को साइकिल चोरी के संदेह में उसके पड़ोसी परिवार के सदस्यों ने खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा। आरोप है कि किशोर को टाइल्स, बेल्ट और डंडों से पीटा गया और जुर्म कबूल करवाने के लिए उसके नाजुक अंग पर मिर्च तक लगा दी गई।
पीड़ित किशोर के अनुसार, शनिवार सुबह मां से डांट खाने के बाद जब वह घर के बाहर रखी साइकिल पर बैठने लगा, तो परिवार के लोगों ने उस पर साइकिल चोरी का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया। उन्होंने पहले पत्थर की टाइल्स से मारा और फिर खंभे से बांधकर बेल्टों से पीटा। किशोर ने बताया कि उसके नाजुक अंग में मिर्च भी डाली गई, जिससे वह दर्द से कराहता रहा और अपनी बेगुनाही की दुहाई देता रहा। मारपीट करने वालों ने ही पुलिस को 112 पर फोन करके बुलाया।
हालांकि, इस मामले में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। आरोप है कि पुलिस ने किशोर को बंधक बनाकर यातनाएं देने वाले आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि पीड़ित किशोर को ही थाने ले गई। बताया जा रहा है कि थाने में पुलिस ने परिवार वालों द्वारा बनाए गए घटना के वीडियो को डिलीट करवा दिया और किशोर को धमकाते हुए देर रात घर भेज दिया। रविवार को इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद मामला प्रकाश में आया।
किशोर के दुकान मालिक दुर्गेश ने बताया कि उन्होंने रात में परिवार के साथ जाकर बोदला चौकी प्रभारी से बात की थी। चौकी प्रभारी ने आरोपित परिवार से वीडियो डिलीट करवाए और किशोर को चुपचाप घर रहने की धमकी देकर रात 11 बजे छोड़ा। पीड़ित किशोर के परिवार का कहना है कि आरोपितों ने कानून का उल्लंघन करते हुए उनके बेटे को अमानवीय यातनाएं दीं और पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि पुलिस को किशोर के साइकिल चोरी के प्रयास की सूचना मिली थी। चूंकि वह नाबालिग है, इसलिए उसे उसके परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि बंधक बनाकर यातनाएं देने के आरोपों की जांच की जा रही है और यदि किसी पुलिसकर्मी की गलती पाई जाती है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।