एमपी : सरकारी स्कूल के टीचर्स के लिए बड़ी खबर, अब हर घंटे ऑनलाइन करना होगा ये काम नहीं तो कटेगी सैलरी

 

भोपाल. मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का अब स्कूल से गायब होना मुश्किल होगा। 1 जुलाई से उन्हें ऑनलाइन अटेंडेंस देनी होगी। खास बात यह है कि स्कूल पहुंचने के नियत समय पर चेहरा पहचान कर हाजिरी तो लगेगी ही, पर अब हर क्लास के बाद प्रति घंटे भी ऑनलाइन अटेंडेंस देनी होगी। कक्षाओं में पढ़ाते समय भी ऑनलाइन देखा जा सकेगा। 

नवीन पोर्टल पर शिक्षक विद्यालयों में पहुंचकर एक घंटे के अंतराल में अटेंडेंस दर्ज न करने वालों और आधे घंटे लेट स्कूल पहुंचने वालों की आधी सीएल काट ली जाएगी। नई व्यवस्था में कर्मचारियों और शिक्षकों के सभी आवेदन प्लेटफार्म के माध्यम से प्रस्तुत करने की सुविधा होगी। अवकाश स्वीकृति, लेखों का संधारण, वेतन वृद्धि लाभ और पेंशन स्वत्व भुगतान संबंधी पूरा रिकॉर्ड रहेगा। 

सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फेस रिकॉग्निशन (फेस स्कैन) के जरिए उपस्थिति दर्ज करानी होगी। सार्थक ऐप शिक्षकों के स्थान और चेहरे की पहचान करेगा। ऐप शिक्षकों के हर मूवमेंट को भी ट्रैक करेगा। चेहरा स्कैन करने के बाद ऐप के जरिए यह शिक्षा अधिकारी के ऐप या उनके लैपटॉप तक पहुंचेगा। इससे उनकी उपस्थिति आसानी से ट्रैक हो सकेगी।

देरी हुई तो हाफ डे

स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर शिक्षक वि?द्यालयों में पहुंचकर एक घंटे के अंतराल में ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज करेंगे। छुट्टी होगी तब आधा घंटा पूर्व या बाद में ई-उपस्थिति लगेगी। निर्धारित समय सीमा के पश्चात उपस्थिति दर्ज करने पर आधे दिन का आकस्मिक अवकाश दर्ज किया जाएगा, जिसे शिक्षकों के देय 13 आकस्मिक अवकाश एवं 3 ऐच्छिक अवकाश से समायोजन किया जाएगा। समायोजन के पश्चात अवकाश अवधि को संगणित किया जाएगा। शिक्षक प्रणाली के माध्यम से ई-उपस्थिति दर्ज होगी।

स्टूडेंट्स की भी लगेगी ऑनलाइन अटेंडेंस

अगले साल से छात्रों की भी हाजिरी ऑनलाइन की जाएगी। नया सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। इससे छात्रों की स्थिति की सही सूचना मिल सकेगी। बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी की सूचना सुबह 11.00 बजे तक बोर्ड मुख्यालय को मिल जाएगी। 

पोर्टल 3.0 का ट्रायल शुरू

स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल 3.0 का 23 से 30 जून तक ट्रायल होगा। इसी पर ऑनलाइन हाजिरी का परीक्षण होगा। हमारे शिक्षक ई-गवर्नेंस का ट्रायल स्कूल शिक्षा विभाग उन क्षेत्रों में करेगा, जहां इंटरनेट की समस्याएं हैं। शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस शिक्षा मित्र ऐप से शुरू की गई थी, लेकिन विरोध के चलते नहीं चल सकी।

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