सीजीएम की कुर्सी एक, दावेदार दो, वीएफजे में चला हाईप्रोफाइल ड्रामा

अफसरों की तकरार की दिल्ली में गूंज, रिपोर्ट तलब

जबलपुर। वाहन निर्माणी के दो आला अधिकारियों की लड़ाई को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। खबर है कि इस प्रकरण की जांच अब दिल्ली की टीम करेगी। वहीं, इस मामले में पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनसे सुरक्षा मांगी गयी थी,जो मुहैया कराई गयी। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को वीएफजे के दो मुख्य महाप्रबंधकों में बहुत निचले स्तर पर विवाद हुआ। हालात ये हो गये कि रांझी सीएसपी पुलिस बल के साथ फैक्ट्री परिसर में तैनात रहे।

भोला के जाते प्रवीण ने संभाली कमान

वाहन निर्माणी में सीजीएम संजीव भोला प्रतिनियुक्ति पर कुछ दिनों के लिए बाहर गए हुए थे। इसी दौरान आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड (एवीएनएल) ने अवाडी, चेन्नई मुख्यालय से नए सीजीएम प्रवीण कुमार का एक हफ्ते पहले तबादला कर वाहन निर्माणी जबलपुर भेज दिया। लिहाजा, उन्होंने श्री भोला की गैरमौजूदगी में फैक्ट्री की कमान संभाल ली।  पुराने सीजीएम प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे और सीधे अपने दफ्तर पहुंचे। वहां पहुंचकर कुर्सी को लेकर विवाद शुरु हुआ,जो बहुत बढ़ गया।  सीजीएम प्रवीण कुमार ने सिक्योरिटी बुलाई और पुराने सीजीएम को बाहर करवा दिया।  उन्होंने सीजीएम बंगले से गार्ड और दरबानों को हटाने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद सरकारी वाहन भी छीन लिया गया। वहीं पुराने सीजीएम ने गेट पर धरना भी दिया लेकिन बात नहीं बनी तो कोर्ट चले गए।

पुलिस ने फैक्ट्री से बाहर निकाला

पुराने सीजीएम संजीव भोला को कोर्ट से स्टे ऑर्डर मिलने के बाद माहौल बदल गया। वे सुबह-सुबह दफ्तर पहुंचे और वीएफजे की कमान अपने हाथ में ले ली।  इसी बीच सीजीएम प्रवीण कुमार से उनकी हॉट-टॉक हुई और कुछ देर बाद ही प्रवीण कुमार ने  एसपी से सुरक्षा की मांग की। एसपी ने पुलिस फोर्स भेजी और उन्हें सुरक्षित फैक्ट्री से बाहर निकाला।

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