एमपी में पहली बार पीले तरबूज की खेती, किसान भाईयों की मेहनत रंग लाई, लाल तरबूज से ज्यादा मीठा

 

दमोह। ग्राम अभाना में दो किसान भाईयों ने पहली बार पीले तरबूज की खेती की है। जो लाल तरबूज से ज्यादा मीठे है। किसान भाईयों ने तीन साल पहले क्यारी में बीज लगाए और फसल से संबंधित समस्याबों को समझा, इसके बाद उन्होने काफी पैदाबार मिली है। 

                           बताया गया है कि किसान भाई बड़े पैमाने पर तरबूज की खेती करते है। इन्होने इस बार लाल के साथ पीले तरबूज की खेती करते किसानों के लिए नए अवसर खोजे है। दोनों किसान भाईयों का कहना है कि लम्बे से तरबूज की खेती कर रहे है, 15 एकड़ में हर साल इन फसलों की 19-20 टन पैदावार लेते रहे हैं। बाहर से व्यापारी अभाना आते और ट्रकों में भरकर फल ले जाते हैं। किसान भाईयों का कहना है कि पीले तरबूज की खेती वर्ष 2022 में शुरु की थी, इसके लिए कंपनी से 80 हजार रुपए रुपए किलो बीज खरीदा है, इसके बाद नर्सरी में पौधे तैयार किए फिर खेत में लगाए गए। खेत में टपक पद्धति से सिंचाई की गई, जिससे पानी कम और फसल ज्यादा हुई। तरबूज खरीदने के लिए जबलपुर, सतना व कटनी के व्यापारी आए हैं। थोक में पीले तरबूज के भाव 14 रुपए किलो मिले है, जबकि लाल तरबूज 7 से 8 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है। ऐसा माना जाता है कि तरबूज की फसल 90 दिन में तैयार होती है लेकिन किसान भाईयों ने पीले तरबूज की फसल को 60 दिन में तैयार किया है। 


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