नई दिल्ली. जनगणना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से जनगणना को लेकर गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. जिस बात का लंबे वक्त से इंतजार था वह आखिरकार खत्म हो गया है. गृह मंत्रालय की ओर से हफ्ते के पहले ही दिन यानी सोमवार को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जनगणना और जातीय जनगणना से संबंधित आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी.
जनगणना की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद अब जनगणना से जुड़ी विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी. इसमें सबसे पहले स्टाफ की नियुक्ति का शुरू होगा. इसके बाद ट्रेनिंग, फिर फॉर्मेट तैयार किया जाएगा और इसके बाद फील्ड वर्क की प्लानिंग होगी. बता दें कि देश में पहली बार जनगणना और जातिगत जनगणना एक साथ कराई जा रही है. इससे पहले ऐसा नहीं हुआ है.
दो चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया
1. मकान सूचीकरण और मकानों की गणना- इस चरण में जनगणनाकर्मी प्रत्येक परिवार के मकान की स्थिति, संपत्ति, सुविधाएं (जैसे बिजली, पानी, शौचालय आदि) और आवास की प्रकृति की जानकारी जुटाएंगे। यह चरण पूरी प्रक्रिया की बुनियाद मानी जाती है.
2. जनगणना- दूसरे चरण में हर घर में रहने वाले व्यक्तियों की गिनती की जाएगी। इसमें लोगों की उम्र, लिंग, शिक्षा, धर्म, भाषा, रोजगार, जन्मस्थान, और प्रवासन से जुड़ी जानकारियां एकत्र की जाएंगी. यह चरण देश की जनसांख्यिकीय और सामाजिक संरचना को उजागर करता है.
ये जुटाई जाएगी जानकारी
जनगणना 2027 को इस बार डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित किया जाएगा. इसके लिए विशेष रूप से तैयार किए गए सॉफ्टवेयर में जाति, उप-जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित नए कॉलम और मेन्यू जोड़े जाएंगे, जिससे सामाजिक संरचना का विस्तृत डेटा उपलब्ध हो सके. पहले चरण में हाउस लिस्टिंग के दौरान गणनाकार घर-घर जाकर आवासीय स्थिति, सुविधाएं (जैसे पानी, बिजली, शौचालय), संपत्ति का स्वामित्व, और वाहनों की संख्या जैसी जानकारियां जुटाएंगे. इसके बाद दूसरे चरण में पॉपुलेशन सेंसस किया जाएगा जिसमें हर व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़ी जानकारी एकत्र की जाएगी.
ये 30 प्रश्न पूछे जाने की संभावना
इस बार की जनगणना में लगभग 30 सवाल पूछे जाने की संभावना है, जिनमें नाम, उम्र, जन्मतिथि, लिंग, धर्म, जाति, शिक्षा, वैवाहिक स्थिति, रोजगार, प्रवास, और परिवार के मुखिया से संबंध जैसे विषय शामिल होंगे. इसके अलावा यह प्रक्रिया राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के साथ जोड़ी जाएगी, जिससे डेटा का उपयोग नीतियों और योजनाओं के निर्माण में किया जा सके.